
कोरोना महामारी में जहां अस्पतालों में मरीजों की बाढ़ सी आ गई तो वहीं मौतों का आंकड़ा भी परेशान करने वाला था. ऐसे में श्मशान घाट पर उम्मीद से ज्यादा चिताओं के जलने से जलावनी लकड़ी की कमी आ गई और बहुत जगहों पर कम लकड़ी होने की वजह से, अधजली अवस्था में या फिर शवों को जल प्रवाह के माध्यम से लोगों द्वारा स्थानीय नदियों में डाले जाने लगा.
अधजली शवों या शवों को स्थानीय नदियों में प्रवाहित करने चलते शवों का गंगा नदी में उतराया दिखना आम बात हो गई, इन्हीं सब बातों को देखते हुए जिला प्रशासन ने शवों को जलप्रवाह न कर जलाने पर जोर दिया है और अब इस काम में समाज सेवी संगठन भी सामने आने लगे हैं.
गाजीपुर के प्रमुख समाजसेवी संजय राय शेरपुरिया जो यूथ रूरल इंटरप्रेन्योर फाउंडेशन के चेयरमैन हैं, उन्होंने श्मशान घाट पर लकड़ी बैंक का आज शुक्रवार को विधिवत तहसीलदार मजिस्ट्रेट और स्थानीय लोगों को लकड़ी का गट्ठर देकर इसका शुभारंभ कर दिया है.
इसे भी क्लिक करें --- कोरोना से जंग में तीसरा हथियार! अगले हफ्ते बाजार में आएगी स्पूतनिक वैक्सीन, जानिए बड़ी बातें
पहले भी कर चुके हैं सेवा
इसके बारे में बताते हुए संजय राय ने कहा कि लकड़ी की कमी से कोई शव गंगा में यूं ही न फेंक दिया जाए इसलिए गाजीपुर श्मशानघाट पर हमने संस्था के माध्यम से लकड़ी बैंक बनाया है, जिसमें कोई भी व्यक्ति लकड़ी दान कर सकता है और जरूरतमंद वहां से निशुल्क लकड़ी लेकर अपने शव का अंतिम संस्कार पूरे विधि और सम्मान के साथ कर सकेगा.
इससे पहले भी संजय राय ने 10 हजार मेडिसिन और जांच किट के साथ वैन और एंबुलेंस प्रशासन की मदद से कोरोना काल में चलवा रखी है, साथ ही 50 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं, साथ ही 50 और देने का वायदा किया है. वहीं वे 40 बीएड लेवल थ्री हॉस्पिटल भी जिला अस्पताल में अपने खर्च से निःशुल्क सेवा के लिए बनाने की बात कह रहे हैं.