यूपी में एक लड़की ने ऑफिसर को भूल से मिस्ड कॉल क्या कर दी, इसकी कीमत उसे रेप के रूप में चुकानी पड़ गई. इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली यह घटना अमेठी की है.
अमेठी के मुसाफिरखाना में रहने वाली एक किशोरी की गलती से उसके मोबाइल से क्षेत्राधिकारी (सीओ) मुसाफिरखाना, विपुल कुमार श्रीवास्तव के सीयूजी नंबर पर कॉल चली गई. इसके बाद सीओ ने कॉल बैक कर लड़की की परेशानी पूछी, तो उसने कोई समस्या न कहकर फोन रख दिया, लेकिन सीओ ने उसे फोन करना जारी रखा.
नौकरी व शादी का झांसा देकर ऑफिसर लड़की से बातचीत करने लगा. लड़की से मिलने सीओ उसके गांव भी गए, पर मुलाकात नहीं हो सकी. पीडि़ता का आरोप है 23 अक्टूबर को वह सीओ के बुलावे पर जगदीशपुर पहुंची, तो वहां पहली बार मुलाकात हुई. इसी बीच किशोरी के परिजनों को भी शक हुआ तो उन्होंने पूछताछ शुरू की. परिजनों के एतराज के बाद भी सीओ उससे बात करते रहे.
23 नवंबर को सीओ ने उसको लखनऊ में आलमबाग बुलाया. नौकरी के लालच में वह बिना परिजनों को बताए 24 नवंबर को लखनऊ पहुंची, तो वहां सीओ ने एक होटल में उसके साथ कई बार रेप किया. लखनऊ से ही नौकरी दिलाने के नाम पर सीओ ने उसे कानपुर भेज दिया, फिर वहां से दिल्ली भेजा. वहां पर भी बात न बनने पर उसे कानपुर वापस बुला लिया. कानपुर की एक कंपनी में उसे नौकरी दिला दी गई. पीडि़ता को नौकरी मनमाफिक नहीं लगी, तो उसने सीओ पर दबाव बनाया. इस पर सीओ उसे धमकाने लगे. उसके पिता व भाई को मरवा डालने की धमकी दी. उसने अपने परिजनों को फोन कर पूरी घटना बता दी. मामला बढ़ता देख पहले सीओ ने खुद लड़की को धमकाया, फिर एसओ मुसाफिरखाना मनोज तिवारी व कांस्टेबल अरुण तिवारी ने भी पीडि़ता के पिता को मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकी दी.
विभाग पहले तो मामले को दबाने में लगा रहा, लेकिन सोमवार को लगभग घंटे भर तक चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद एसपी ने एसओ रेखा सिंह को मामला दर्ज करने के आदेश दिए. एसपी हीरालाल ने प्रकरण को गंभीर बताते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने की बात कही है.