इंसाफ करने के लिए बनीं पंचायतें, अब इंसाफ से ज्यादा खौफ का पर्याय बनती जा रही हैं. ताजा मामला है बिजनौर का. हिमपुर के गांव मुढाल में पंचायत के फरमान पर एक लड़की को केवल इसलिए जिंदा जला दिया कि उसके परिवार ने खुद पर लगे आरोप झुठला दिए थे. आरोप तो यह भी है कि पंचायत के लोगों ने लड़की के परिजनों को न केवल माफी मांगने का फरमान सुनाया, बल्कि लड़की को एक रात के उन्हें सौंपने को भी कहा.
इस मामले में फिलहाल पुलिस ने मुख्य आरोपी होमगार्ड कैलाश को गिरफ्तार कर लिया है. इस घटना के बाद से मृतक लड़की के परिजनों में खौफ का माहौल है और 'दबंग पंचायत' खुली घूम रही है.
पूरी घटना कुछ यूं हुई. 29 जून को होमगार्ड कैलाश की लड़की अपने प्रेमी के साथ गायब हो गई, जो बाद में उन्नाव से मिल गई. होमगार्ड कैलाश को शक था की उसकी लड़की को भगाने में किरण (जिसे बाद में जिंदा जला दिया गया) का हाथ है. इसी को लेकर 17 जुलाई को गांव में बिरादरी की एक पंचायत बुलाई गई.
बताया गया है कि इस पंचायत में किरण के पिता सूरज को भी तलब किया गया और फरमान सुनाया गया की कैलाश की लड़की को भगाने में उसकी लड़की किरण का हाथ था, इसलिए उसे पंचायत में माफी मांगनी होगी. यही नहीं, सूरज से यह भी कहा गया कि उसे अपनी लड़की को एक रात के लिए उन्हें सौंपना होगा. किरण के पिता ने इस मामले में अपनी लड़की या परिवार के किसी अन्य सदस्य का हाथ होने से इनकार करते हुए माफी मांगने से मना कर दिया.
बस, किरण के पिता का इनकार करना पंचायत को अखर गया और पंचायत ने उसे खामियाजा भुगतने की धमकी दे डाली. कुछ दिनों बाद मौका पाकर किरण को अकेला पाकर आरोपियों ने जला दिया और भाग गए. पंचायत के डर से किसी ने भी लड़की को बचाने की कोशिश नहीं की. बाद में किसी तरह लड़की को जली हालत में अस्पताल पहुंचाया गया.
अस्पताल में लड़की ने दम तोड़ने से पहले मजिस्ट्रेट को बयान दिए. उसने बताया कि होमगार्ड कैलाश और उसके चार साथियों ने उसे जलाया है. किरण की मौत के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया. बिजनौर के एसपी राजेश कृष्ण ने भी इस वारदात की पुष्टि की. इस मामले में लड़की के परिजन पुलिस से NSA लगाने की मांग कर रहे हैं.