
एक शादी में दूल्हे पक्ष के मंगलसूत्र नहीं लाने पर दुल्हन ने सात फेरे लेने से इनकार कर दिया. जिसके बाद बाराती लौट गए. लेकिन जानकारी मिलने पर स्थानीय थानेदार ने फौरन दूल्हे और लड़कीवालों को थाने बुलाकर समझाया. अगली सुबह दूल्हे पक्ष से मंगलसूत्र खरीदकर मंगवाया गया और अपनी मौजूदगी में अधूरी शादी को संपन्न कराया. इस दौरान थानेदार ने भाई बनकर लड़की को विदा किया और उसे रक्षा का भी वचन दिया.
यह मामला यूपी के देवरिया जनपद स्थित गौरीबाजार थाना इलाके के बाकी फुलवरिया का है. इस गांव के हरेराम यादव के घर गोरखपुर के चौरी-चौरा से बारात आई थी. द्वार पूजा हो गई थी. कुछ बाराती खाना भी खा चुके थे. सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था. इसी बीच जब सात फेरे लेने की बात आई, तो पता चला कि लड़का पक्ष शादी में चढ़ावे के लिए कोई जेवरात ही नहीं लाया. यहां तक कि मंगलसूत्र भी नहीं. यह बात जब दुल्हन अदिति यादव को पता चली तो वह मंडप से उठकर चली गई और शादी करने से साफ तौर पर मना कर दिया. जिसके बाद बारात लौट गई.
यह बात गौरीबाजार के थानेदार विपिन मालिक को पता चली. वह मौके पर पहुंचे और दूल्हे संजय यादव समेत लड़की अदिति यादव के भाई को थाने लेकर आए. पूरी रात उन्हें समझाया-बुझाया गया. फिर सुबह दूल्हा और उसके पिता ने मंगलसूत्र समेत चार सेट गहने मंगाए. फिर पुलिस की मौजूदगी में पूरे रस्मो-रिवाज के साथ शादी संपन्न हुई.
रक्षा का वचन दिया
लड़की ने थानेदार से कहा, इतना सब कुछ हो गया. उसे डर है कि लड़के वाले उसके साथ गलत व्यवहार करेंगे. इस पर एसओ विपिन मलिक ने कहा, तुम मुझे भाई मानती हो तो शादी करो. हम वचन देते हैं कि तुम्हें कुछ नहीं होगा. इस दौरान थानेदार ने लड़की को मोबाइल भी गिफ्ट किया.
लड़कीवाले शादी नहीं करने पर अड़े गए थे
Aajtak को दूल्हे ने बताया कि समस्या यह आई थी कि हम लोग मंगलसूत्र नहीं ला पाए थे, इसलिए लड़की वाले हल्ला करने लगे थे. मैंने कहा कि रुक जाइए, 2-3 घंटे लेगेंगे. मैं मंगा देता हूं. हमने बाद में मंगाया भी. उसके बाद भी लड़की पक्ष अड़ा रहा कि शादी नहीं होगी. सूचना मिलने पर स्थानीय थाने से एसओ साहब की गाड़ी आई. फिर हमको थाने ले गए. उनकी मदद से शादी हमारी जुड़ गई. पुलिस अधिकारी को बहुत-बहुत धन्यवाद. हम बहुत खुश हैं. हमारी शादी टूट रही थी. उन्होंने शादी करवाई है.
दहेज लिया पर चढ़ावा नहीं लाए
दुल्हन अदिति ने कहा, हमारी तरफ से लड़के पक्ष को दहेज दिया गया था जबकि वो लोग गहने नहीं लाए थे. इसलिए शादी टूट रही थी. इसके बाद एसओ साहब ने दखल दिया. वादा किया कि कभी तकलीफ हुई तो तुम्हारा साथ देंगे. उसके बाद मोबाइल भी गिफ्ट दिया. मैं उन्हें बहुत धन्यवाद देना चाहती हूं. पुलिस को सारे लोगों को शुक्रिया कहना चाहती हूं. सभी लोग के सपोर्ट से मेरी शादी हुई है.
जेवर लाने पर भी तैयार नहीं थी लड़की
थानेदार विपिन मालिक Aajtak को बताया कि लड़की के शादी से इनकार कर देने के बाद दूल्हे पक्ष ने मंगलसूत्र और मांग का टीका समेत 5 सेट सोने के गहने लाकर दे दिए थे. उसके बाद फिर लड़की कहने लगी कि बारात वापस चली गई है. मनमुटाव भी हुआ है, इसलिए अभी मुझे डर है कि शादी के बाद मैं खुश रह भी पाऊंगी या नहीं? मैंने भी उसे समझाया, लेकिन वह कहने लगी कि उसे सुरक्षा की गारंटी लिखित में चाहिए. आखिर में उसे बहन मानकर मैंने रक्षा का वचन दिया और अपना संपर्क नंबर भी दिया. तब जाकर वह अधूरी शादी पूरी करने के लिए तैयार हुई. थाने की टीम की ओर से लड़की को एक मोबाइल भी गिफ्ट किया गया.
पुलिस ने पहले भी करा चुकी शादियां
बता दें कि इससे पहले चंदौली के डिप्टी एसपी ने भी एक लड़की की शादी का पूरा खर्च वहन किया था. उसके पहले देवरिया एसओ बरियारपुर आशुतोष ने मंदिर में शादी हो रही गरीब लड़की को शगुन के तौर पर फ्रीज, पंखा, मिक्सर देकर एक मिसाल पेश की थी. अब देवरिया जनपद के गौरीबाजार थानाध्यक्ष विपिन मलिक की इस कार्य की सराहना हो रही है.