यूपी में महिला अत्याचारों को रोकने की बजाय यूपी में समाजवादी पार्टी के नेता और सरकार के ओहदेदार लड़कियों पर ही लांछन लगाने पर उतारू हैं. रेप को लेकर सपा नेताओं के विवादित बयानों का सिलसिला रुकने का नाम नही नहीं ले रहा. ताजा मामला सूबे के पिछड़ा और विकलांग कल्याण विभाग के मंत्री अंबिका चौधरी से जुड़ा है.
बुधवार को लखनऊ के कानपुर रोड स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल में पांचवीं अंतराष्ट्रीय मीडिया कांफ्रेंस 'महिलाओं को हिंसा से आजादी' विषय पर उनके शर्मनाक बोल कुछ यूं थे, 'ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं कि सरकारी मुआवजे के लिए लड़कियां खुद को रेप विक्टिम बता रही हैं. उन्हें लगता है कि ऐसा करने से 25-50 हजार रुपये मिल जाएंगे. प्रदेश में ऐसी बहुत सारी रिपोर्ट्स आ रही हैं जहां मां-बाप अपने बेटियों को लेकर आ रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि मुआवजा देने से रेप विक्टिम का भला होगा.'
चौधरी यहीं नहीं रुके. कहा, 'कानून बनाने से रेप नहीं रुकेंगे. निर्भया कांड के बाद आप ही महिलाओं के दबाव की वजह से रेप के आरोपियों को फांसी का कानून बनाया गया है, लेकिन उससे हुआ क्या? उल्टे रेप की घटनाएं और बढ़ गईं.'
उन्होंने दहेज रोकथाम कानून पर भी कहा कि 'क्या इससे दहेज हत्याएं रुक गईं? चौधरी ने कहा कि सपा ने ही यूपी की पहली महिला मुख्य सचिव बनाई थी, उनके साथ लोगों ने सही सुलूक नहीं किया. महिलाओं को प्रमुख पद देने से हालात नहीं बदलेंगे.'