अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
की लाइब्रेरी में लड़कियों के प्रवेश को लेकर वीसी जमीर उद्दीन शाह
ने बेतुका बयान दिया है. शाह ने कहा कि अगर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में
लड़कियों को
प्रवेश करने की इजाजत दी तो लाइब्रेरी में चार गुना ज्यादा लड़के होंगे.
उधर मामले के तूल पकड़ते ही वीसी अपने दिए बयान से पलट गए हैं.
उन्होंने
कहा कि लड़कियों पर बैन की मेरी कोई मंशा नहीं थी और न ही कोई भेदभाव मेरे मन में था. लाइब्रेरी में जगह की
कमी के चलते मैंने ऐसा बयान दिया. उन्होंने कहा कि मामले को बेवजह तूल दिया
जा रहा है. कुछ लोगों की यूनिवर्सिटी का नाम खराब की मंशा है. उन्होंने कहा कि हम लड़कियों को बेहतर अवसर देना चाहते हैं.
मालूम हो कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मौलाना आजाद लाइब्रेरी है. इस लाइब्रेरी में लड़कियों के प्रवेश के लिए महिला कॉलेज की छात्राओं की ओर से लंबे वक्त से मांग की जा रही है.
महिला कॉलेज की प्रिंसिपल नाइमा गुलरेज ने कॉलेज के एक कार्यक्रम में कहा कि हम लाइब्रेरी में लड़कियों की मांग को समझ सकते हैं. लेकिन वहां पहले से ही लड़के काफी मौजूद रहते हैं. ऐसे में लड़कियों के लाइब्रेरी में रहने पर अनुशासन को मुद्दा उठ सकता है. लाइब्रेरी में प्रवेश के लिए बीते कई सालों से महिला स्टूडेंट विंग की ओर से मांग की जा रही है.
महिला कॉलेज स्टूडेंट यूनियन की प्रेजीडेंट गुलफिजा खान ने कहा कि हम अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं. हमें भी यह अधिकार है कि हम लाइब्रेरी में जाकर पढ़ाई कर सकें. अगर इस मामले में जगह की कमी दिक्कत है तो हम सिर्फ किताब लेकर लाइब्रेरी से बाहर आ जाएंगे, लेकिन यह हमारा अधिकार है.