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मंत्रीजी के सामने अंधविश्वास का अंधा खेल

उत्तर प्रदेश के चंदौली में अंधविश्वास के नाम पर आस्था का ऐसा खेल हुआ जिसके बारे में जानकर आपकी रुह कांप जाएगी. विशेष पूजा के लिए भोले-भाले लोगों ने अपने ऊपर खौलता हुआ दूध डालकर खुद को आग झुलसा से लिया.

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उत्तर प्रदेश के चंदौली में अंधविश्वास के नाम पर आस्था का ऐसा खेल हुआ जिसके बारे में जानकर आपकी रुह कांप जाएगी. विशेष पूजा के लिए भोले-भाले लोगों ने अपने ऊपर खौलता हुआ दूध डालकर खुद को आग झुलसा से लिया. यह सब राज्य के परिवहन मंत्री के सामने हुआ. यही नहीं मंत्रीजी इसे जायज भी ठहरा रहे है.

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कहने को तो चंदौली में नवरात्र में होने वाली खास पूजा हो रही थी, लेकिन यहां पुजारी पूजा से ज्‍यादा स्टंट दिखाने में यकीन रखता है. धार्मिक अनुष्‍ठान के नाम पर पुजारी ने सैकड़ों लोगों के सामने अपना सिर अग्निकुंड में डाल दिया. और तो और राज्य के परिवहन मंत्री दुर्गा यादव इस स्‍टंटबाजी के मुरीद हैं.

स्थानीय लोगों में पूजा की इस परंपरा को 'कराह' पूजा कहा जाता है और पुजारी का दावा है कि इसके लिए उसे मां दुर्गा ने खास शक्ति दी हुई है. पुजारी लोगों को यकीन दिलाता है कि यहां जो कुछ भी होता है वो सब भगवान का चमत्कार है. लोगों को भी पुजारी पर भरोसा है और उन्हें लगता है कि इसी विशेष पूजा की वजह से गांव पर विपत्ति नहीं आती और खुशहाली बनी रहती है.

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हैरानी तब होती है जब सूबे के परिवहन मंत्री दुर्गा यादव भी अपने लाव-लश्‍कर के साथ बाबा का खेल देखने पहुंचते हैं. ऐसे ओहदेदार से यह उम्मीद की जाती है कि वो इस तरह के पाखंड पर लगाम लगाने की कोशिश करेंगे, लेकिन यहां तो उल्‍टे मंत्री महोदय ने कसीदे गढ़ दिए. उन्‍होंने कहा, 'इस तरह के कार्यक्रमों से सबका उत्साह बढ़ता है. यह आस्था है और इसमें हम सभी को जब भी मौक़ा मिले शामिल होना चाहिए. हम यहां आए हैं क्‍योंकि हमारी भी इसमें श्रद्धा है. हमें बहुत अच्छा लगा.'

दुनिया भले ही आज की तारीख में चांद पर जाने की बात करती हो, लेकिन यहां तो सूबे के मंत्री तक की आंखों पर अंधविश्वास का चश्मा चढ़ा है. सवाल उठता है कि आखिर इसे कौन रोकेगा ?

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