वर्षों से अपने आशियाने का सपना देख रहे आम्रपाली के हजारों फ्लैट बायर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, 11 हजार से अधिक बायर्स को अगले दो-तीन महीने में फ्लैटों की चाबी सौंप दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह जानकारी दी गई है. शुक्रवार को आम्रपाली फ्लैट बायर्स के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आने वाले 2 से 3 महीने में 11,858 फ्लैटों की डिलीवरी की जाएगी. जिनमें से 5,428 फ्लैटों का कब्जा अक्टूबर माह में दे दिया जाएगा.
चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ को कोर्ट के रिसीवर वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणि ने जानकारी दी कि आगामी त्योहारी सीजन में अगले महीने एनबीसीसी द्वारा पूरे किए गए 5,428 फ्लैटों को बिजली और पानी के कनेक्शन के साथ घर खरीदारों को दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, "फिलहाल हम बाकि 6,430 फ्लैटों में बिजली और पानी के कनेक्शन देने में कुछ समस्याओं का सामना कर रहे हैं. लेकिन एक बार कनेक्शन हो जाए तो फिर कंप्लिशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद इन फ्लैटों को भी अगले दो से तीन महीनों में घर खरीदारों को सौंप दिया जाएगा."
पूर भुगतान के बाद ही मिलेगा फ्लैट
पीठ ने अधिवक्ता वेंकटरमणि से कहा कि यह एक महत्वपूर्ण डेवलेपमंट है कि बनने वाले 38,000 से अधिक फ्लैटों में से 11,000 से अधिक यूनिट्स को बायर्स को सौंपा जा रहा है. कोर्ट ने उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि फ्लैटों का पूरा भुगतान होने के बाद ही घर खरीदारों को ये सौंपे जाएं. जिस पर वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ को आश्वासन दिया कि इन सभी फ्लैटों को घर खरीदारों से पूरा भुगतान प्राप्त होने के बाद ही सौंपा जाएगा.
उन्होंने आगे फंड का ब्योरा देते हुए कहा कि फोरेंसिक ऑडिटर्स ने घर खरीदारों से वसूल की जाने वाली राशि के रूप में 3870.38 करोड़ रुपये का आंकड़ा दिया है, लेकिन क्रॉस-चेकिंग के बाद उन्होंने पाया है कि प्राप्त राशि सिर्फ 3,014 करोड़ रुपये ही है.
जीएसटी के बाद मंहगा हुआ फ्लैट निर्माण
वेंकटरमणि ने कहा कि 3,014 करोड़ रुपये में से उन्हें अब तक 22,701 घर खरीदारों से 1,275 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं और शेष राशि 7939 घर खरीदारों से प्राप्त की जानी है, जिन्हें इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जब फोरेंसिक ऑडिट किया गया था तो 45,000 से अधिक फ्लैटों की निर्माण लागत 12 प्रतिशत गुड एंड सर्विस टैक्स के साथ 8,000 करोड़ रुपये से अधिक थी, लेकिन अब जीएसटी को बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है. जिसके बाद इनके निर्माण में कुल लगात 9296.81 करोड़ रु है.
बेनामी फ्लैटों को बेचकर पैसा जुटाएं- अधिवक्ता लाहोटी
घर खरीदारों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता एमएल लाहोटी ने पीठ को बताया कि 1970 डिफॉल्टर्स हैं, जिन्होंने नोटिस के बावजूद अपना बकाया नहीं चुकाया है और उनके फ्लैटों को नीलामी के जरिए बेचने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 5229 बिना बिके फ्लैटों और 1164 बेनामी फ्लैटों, जिनके मालिक उनके पते पर नहीं मिले हैं और न ही उन्होंने कोर्ट रिसीवर से संपर्क किया है या घर खरीदारों के लिए पोर्टल में खुद को पंजीकृत कराया है, को बेचकर पैसा जुटाया जा सकता है.
मेरे पास सीमित समय- CJI
CJI ललित ने कहा कि उनके पास सीमित समय है और वह आम्रपाली के तीन से चार प्रमुख मुद्दों से निपटना चाहेंगे, जो पूरी निर्माण प्रक्रिया को गति देगा और रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करना सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा, "मेरी कुछ सीमाएं हैं, जिन्हें आप सभी समझते हैं. मैं अपने भाई-बहन जैसे जस्टिसों से इस मामले को उठाने के लिए कह सकता हूं लेकिन समस्या यह है कि आम्रपाली से संबंधित मुद्दे ऐसे हैं कि उनके लिए पूरे मामले को समझना बेहद मुश्किल होगा."
अब 11, 12 और 13 अक्टूबर को अहम मुद्दों पर चर्चा
उन्होंने कहा कि वह इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए तीन से चार सत्रों का खर्च उठा सकते हैं और पीठ इन मुद्दों को उठाने के लिए दूसरी छमाही में 11, 12 और 13 अक्टूबर को बैठेगी. लाहोटी और वेंकटरमणि ने सुझावों पर सहमति जताई और कहा कि फ्लोर एरिया रेशियो, घर खरीदारों से बकाया, आम्रपाली के पूर्व निदेशकों और निजी फर्मों से वसूली कुछ प्रमुख मुद्दे हैं, जिन्हें सुनवाई के लिए लिया जा सकता है.
आम्रपाली के निदेशकों को राहत
पीठ ने आम्रपाली समूह के पूर्व सीएमडी अनिल शर्मा को दी गई राहत की अवधि भी बढ़ा दी, जब उन्हें बताया गया कि अक्टूबर में उनकी सर्जरी की जानी है. केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वह मेडिकल आधार पर शर्मा की जमानत अर्जी का विरोध नहीं कर रही हैं. पीठ ने आम्रपाली के पूर्व निदेशक शिव प्रिया को दी गई राहत को भी 11 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया और दिल्ली पुलिस को हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दे दी. शिव प्रिया अपनी बेटी के इलाज के लिए जमानत पर बाहर है, जिसे लीवर की कुछ समस्या है.