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EXCLUSIVE: सरकारी धन से गोरखनाथ मठ को चमकाने की तैयारी, उठ सकते हैं सवाल

गोरखनाथ मंदिर के भीतर झील को विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है. पहले यह साधारण झील थी जिसमें लोग बोटिंग करते थे, लेकिन अब इसमें एक विशेष वाटर स्क्रीन लगाई जा रही है. यह वाटर स्क्रीन साउंड सिस्टम और लेजर प्रोजेक्टर से लैस होगी. झील में लेजर प्रोजेक्टर के जरिए वाटर शो करने की तैयारी हो रही है.

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गोरखनाथ मंदिर
गोरखनाथ मंदिर

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में गोरखनाथ मठ को चमकाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पैसा खर्च कर गोरखधाम मंदिर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक गोरखनाथ मंदिर के भीतर झील को विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है. पहले यह साधारण झील थी जिसमें लोग बोटिंग करते थे, लेकिन अब इसमें एक विशेष वाटर स्क्रीन लगाई जा रही है. यह वाटर स्क्रीन साउंड सिस्टम और लेजर प्रोजेक्टर से लैस होगी. झील में लेजर प्रोजेक्टर के जरिए वाटर शो करने की तैयारी हो रही है.

गोरखनाथ मठ में विशेष रूप की लाइट्स से लगाई जा रही हैं जिससे रात के वक्त पूरा मंदिर परिसर चमक उठेगा. सूत्रों ने बताया कि इन लाइट्स का इफेक्ट ऐसा होगा जिससे अगर आसमान से हवाई जहाज जा रही है तो वहां से भी चमकता हुआ मंदिर दिखाई देगा. मंदिर को चमकाने के अलावा लाइट एंड साउंड सिस्टम भी बिल्कुल नया लगाया जा रहा है. साथ ही कंप्यूटर से चलने वाला विशेष रूप से स्पेशल प्रोग्रामिंग सिस्टम तैयार किया गया है जो मंदिर परिसर में बजने वाले म्यूजिक और लाइट्स का कोआर्डिनेशन करेगा.

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सरकारी धन का इस्तेमाल कितना उचित

कुल मिलाकर मामला मुख्यमंत्री के उस गोरखनाथ मठ का है, जहां सालों-साल से योगी आदित्यनाथ रहते आए हैं. लिहाजा तैयारी करने वाली संस्थाएं और सरकारी विभाग कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या किसी मठ के सौंदर्यीकरण के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल किया जा सकता है?  

सूत्रों के मुताबिक मठ के सौंदर्यीकरण के लिए उत्तर प्रदेश का पर्यटन विभाग करीब 6.30 करोड़ रुपये का खर्च कर रहा है. गोरखनाथ मंदिर को ऐसे समय चमकाने की कोशिश की जा रही है, जब गोरखपुर शहर ही तमाम समस्याओं का सामना कर रहा है. इस शहर में सड़क पर जलजमाव, साफ-सफाई और अतिक्रमण जैसी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. इन समस्याओं को लेकर लोग कई बार सवाल उठा चुके हैं.

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