गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले साल ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में आरोपी कफील खान हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद शनिवार देर शाम जेल से रिहा हो गए. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को उनके खिलाफ चिकित्सीय लापरवाही का कोई सबूत न मिलने पर उनकी जमानत मंजूर कर ली थी.
जेल से बाहर आने के बाद कफील ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. पिछले आठ महीने में उनके परिवार ने क्या कुछ सहा है, सबको पता है. उन्होंने कहा, मैंने वही किया जो एक पिता, एक डॉक्टर और एक हिंदुस्तानी करता. मैंने बच्चों को बचाने की कोशिश की थी.
That day what I did was something that a father, doctor & a true Hindustani would've done. My job was to treat the children there I did extra work of arranging oxygen cylinders as liquid oxygen had got finished: Dr. Kafeel Khan on returning home after getting bail #Gorakhpur pic.twitter.com/CyN9sQcKtl
— ANI UP (@ANINewsUP) April 28, 2018
जेल से रिहा होने के बाद कफील खान ने कहा कि आठ महीने जेल में बिताने के बाद मैं मानसिक रूप से परेशान हूं और शारीरिक तौर पर भी बीमार महसूस कर रहा हूं. मैं अपने घर, अपने परिवार में जाना चाहता हूं.
कफील खान ने कहा कि मुझे नहीं पता मैंने क्या गलत किया जिसकी वजह से मुझे जेल जाना पड़ा. मेरे भविष्य का प्लान सीएम योगी के आदेश पर निर्भर है, अगर वो सस्पेंशन हटा देंगे तो मैं फिर से ज्वॉइन कर लूंगा और लोगों की सेवा करूंगा.Mentally tired, emotionally drained & physically sick but there's a sense of relief that I'm back to my family after 8 months. Gorakhpur jail has a capacity of 800 but total people staying there are around 2000: Dr. Kafeel Khan on returning home after getting bail #Gorakhpur pic.twitter.com/h5l1sRGfWq
— ANI UP (@ANINewsUP) April 28, 2018
There were times, when I used to think that what wrong have I done to be in jail. My future plans depend on CM Yogi, if he revokes my suspension I'll join the hospital again & continue serving people: Dr. Kafeel Khan on returning home after getting bail #Gorakhpur pic.twitter.com/cZmIeiBd0c
— ANI UP (@ANINewsUP) April 28, 2018
कफील के खिलाफ लापरवाही का कोई सबूत नहीं
हाईकोर्ट के आदेश से मुताबिक कोर्ट ने कहा कि कफील के खिलाफ चिकित्सीय लापरवाही के कोई सबूत नहीं पाए गए. कोर्ट ने कहा कि उन्हें इतने महीने तक बेवजह जेल में रखा गया. गौरतलब है कि अगस्त, 2017 में कथित तौर पर ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में पांच दिन में 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. कफील को सितंबर, 2017 में गिरफ्तार किया गया था.