यूपी के गोरखपुर में सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से पिछले 6 दिनों में हुई 63 बच्चों की मौत से देश भर में गुस्सा है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से आते हैं और इस जगह को यूपी में राजनीतिक तौर पर सबसे अहम माना जाता है. यहां इस तरह की लापरवाही से मासूमों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.
राजनेता और विपक्षी दल इस मुद्दे पर यूपी की बीजेपी सरकार को घेरने में लगे हैं और सरकार की बड़ी नाकामी बता रहे हैं. वहीं ट्विटर पर कई हस्तिओं ने भी इस हादसा पर अपना गुस्सा और दुख जाहिर किया है. पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्विटर पर लिखा कि गोरखपुर में मासूमों की मौत से दुखी हूं. दिमागी बुखार से 1978 से लेकर अबतक 50 हजार बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.
Deeply pained by the loss of innocent lives in #Gorakhpur . More than 50000 children have lost their lives here since encephalitis was 1/2
— Virender Sehwag (@virendersehwag) August 11, 2017
पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने लिखा बच्चों की मौत पर न्यूज एजेंसी की खबर को री-ट्वीट करते हुए लिखा कि लापरवाही का भुगतान कैसे होगा? किस मुआवजे से? सारे देश में अस्पतालों का निरीक्षण कराया जाए और भी भयानक दृश्य मिलेंगे चाहे निजी या सरकारी. फिल्म निर्देशक अनुभव सिन्हा ने अपना दुख जाहिर करते हुए लिखा कि सॉरी बच्चों, हम तुम्हें बचा पाने में विफल रहे. यह दुनिया वैसे तो इतनी खूबसूरत नहीं है लेकिन तुम लोग इसे बेहतर बना सकते थे.
Sorry kids. We failed you. It is not such a beautiful world after all but you could have made a difference. #GorakhpurTragedy
— Anubhav Sinha (@anubhavsinha) August 11, 2017
गोरखपुर की घटना पर फिल्म अभिनेत्री नेहा धूपिया ने ट्विटर पर पर लिखा कि यह घटना भयावह और चौंकाने वाली है. पीड़ित परिवारों के दर्द की कल्पना कर नहीं की जा सकती. बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने गोरखपुर की घटना को नरसंहार बताया है. उन्होंने लिखा कि हमारी बच्चों के लिए आजादी के 70 वर्षों का क्या यही मतलब है.
30 kids died in hospital without oxygen. This is not a tragedy. It's a massacre. Is this what 70 years of freedom means for our children?
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) August 11, 2017
कॉलमिस्ट और लेखक सोहेल सेठ ने ट्विटर पर लिखा कि अगर किसी भी देश भी इस तरह से 30 बच्चों की जान चली जाती है तो वह किसी भी प्रगतिशील देश के लिए शर्म की बात है. दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.