गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में निलंबित किए गए डॉक्टर कफील खान को जांच रिपोर्ट में दोषी नहीं माना गया है. इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बात करते हुए कफील खान ने कहा कि योगी सरकार ने उन्हें बलि का बकरा बनाया है. यह एक नरसंहार था.
कफील खान ने कहा कि दो साल बाद क्लीन चिट मिलने से मैं खुश हूं और राहत महसूस कर रहा हूं. उठापटक भरे दो साल बाद पूरे परिवार को थोड़ी राहत मिली है. इस घटना से न केवल मुझे, बल्कि पूरे परिवार को नुकसान हुआ. फिलहाल, सभी लोग तनावमुक्त और खुश हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ को जवाब देना चाहिए
कफील खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा, '11 या 12 अगस्त को जब मौत हुई थी, हर कोई कफील खान के बारे में बात कर रहा था. वे यह भी पूछ रहे थे कि उन 60 बच्चों की मौत कैसे हुई. वे यह भी पूछ रहे थे कि पैसे किसने नहीं दिए.
सीएम योगी के चार शब्दों ने बदल दी जिंदगी
कफील खान ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा, 'योगी आदित्यनाथ ने मुझे 13 अगस्त, 2017 को फोन किया और कहा- तू सिलेंडर लाया था, तुझे देखता हूं. इन चार शब्दों ने मेरी जिंदगी बदल दी. मुझे लगता है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुझे सिर्फ उन लोगों को बचाने के लिए बलि का बकरा बनाया, जो मौतों के असली अपराधी थे.'
कमीशन के लिए नहीं किया गया था भुगतान
कफील खान ने कहा कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोग वही थे, जिन्होंने बकाए के भुगतान को लेकर पुष्पा सेल्स द्वारा भेजे गए पत्रों का जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने कमीशन के लिए भुगतान नहीं किया. मैंने हमेशा से कहा है कि यह एक नरसंहार था.