गुड़गांव के रहने वाले प्रदीप कुमार और हरबीर सिंह की दोस्ती कानपुर के मनीष से 5 साल पहले हुई थी. एक इवेंट के दौरान मृतक मनीष और प्रदीप कुमार की जान-पहचान हुई, जिसके बाद हरबीर सिंह की दोस्ती प्रदीप कुमार के जरिए मनीष से हुई.
तीनों दोस्तों ने 8 से 10 दिन पहले गोरखपुर की तारीफ चंदन और राणा के मुंह से सुनने के बाद गोरखपुर घूमने का प्लान बनाया था. तीनों ने नौकायन भी की और फिर सुबह उठकर गोरक्षनाथ मंदिर जाने का प्रोग्राम भी बनाया.
नौकायन से घूमने के बाद तीनों दोस्त होटल आए और सोने की तैयारियां करने लगे. इसी बीच, मनीष को नींद आ गई और इसी दौरान मनीष की मौत हुई. इस पूरी घटना के बारे में जिक्र करते हुए प्रदीप कुमार भावुक हो गए और अपने दोस्त को खोने का गम बताने लगे. कुछ देर तक सिसकते हुए कहा कि मनीष मेरे लिए दोस्त नहीं, उससे बढ़कर था.
जानिए क्या है पूरा केस
कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों के साथ गोरखपुर के एक होटल में ठहरे हुए थे. इसी दौरान रात में रामगढ़ताल थाने की पुलिस चेकिंग के लिए वहां पहुंची. पुलिस ने आईडी कार्ड मांगा. मनीष के दोस्तों ने आईडी दिखा दी, लेकिन उस वक्त मनीष सो रहे थे. आरोप है कि मनीष ने बस इतना कहा कि ये कौन सा समय है चेकिंग करने का. इस पर पुलिस वाले भड़क गए और मनीष की पिटाई की. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
मनीष गुप्ता की पत्नी ने लगाया ये आरोप
मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी का आरोप है कि चेकिंग के दौरान ही पुलिसकर्मियों ने मनीष की पिटाई की थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मनीष के शरीर पर गहरे चोट के निशान मिले हैं. मनीष गुप्ता के शरीर पर 4 गंभीर चोटों के निशान मिले. सिर के बीच में आई 54 सेंटीमीटर की चोट जानलेवा साबित हुई. इसके साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीष गुप्ता के दाहिने हाथ की कलाई पर डंडा मारने का निशान है.