गोरखपुर के BRD अस्पताल में मासूमों की मौत के बाद दर्दनाक और डरा देने वाली कहानियां सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक कहानी दीपक की है जिसकी इसी अस्पताल में जान चली गई. दीपक का परिवार टकटकी लगाए बैठा हुआ है. 9 अगस्त के बाद परिजनों की जिंदगी मानो थम सी गई हो. इस दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री गोरखपुर आए थे और गोरखपुर में उन्होंने बीआरडी मेडिकल कॉलेज का दौरा भी किया था.
दीपक के पिता बहादुर को क्या मालूम था कि जिंदगी उनके साथ इतना भद्दा मजाक करेगी. उनके 4 साल के बेटे दीपक की तबीयत खराब हुई तो पत्नी भागी-भागी डॉक्टर के पास गई. दीपक का बदन जल रहा था लेकिन डॉक्टर की दुकान बंद थी. तो फिर वह BRD मेडिकल कॉलेज चली आईं. लेकिन उस दिन तो मेडिकल कॉलेज में वीवीआईपी दिन था. सूबे के सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेडिकल कॉलेज के दौरे पर जो आए थे.
बहादुर की माने तो दीपक की हालत बेहद नाजुक थी. उसकी मां ढाई बजे से लेकर शाम 6 बजे तक दीपक के इलाज के लिए डॉक्टरों से गुहार लगाती रही लेकिन VVIP सेवा में व्यस्त डॉक्टरों के पास वक्त कहां था. दीपक के परिवार का आरोप है कि 10 तारीख को सुबह 10 बजे दीपक की मौत अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से हुई है. लेकिन समय जब बुरा होता है तो हर एक घड़ी भारी हो जाती है. दीपक के जाने के बाद अब उसके छोटे भाई की तबीयत काफी खराब है, ऐसे में अब यह लोग सरकारी अस्पताल की जगह प्राइवेट अस्पताल में बच्चे का इलाज करा रहे हैं भले ही उसके लिए इनको कलेजा काट कर पैसा क्यों ना देना पड़े.
गोरखपुर में अस्पताल में कथित ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौतें हुई हैं, हालांकि सरकार बिना जांच किए इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है. सीएम योगी ने अस्पताल के प्रिसिंपल राजीव मिश्रा और सुपरिटेंडेंट और वाइस प्रिंसिपल डॉक्टर कफील खान को पद हटा दिया गया है. साथ ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी इस मामले की जांच करेगी.