गोरखपुर में अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी के कारण पिछले 1 सप्ताह में करीब 70 बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं. घटना के बाद राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की हर ओर आलोचना हो रही है. वहीं इस मुद्दे पर राजनीति भी जमकर हो रही है. सीएम योगी ने भी गोरखपुर का दौरा किया, अपनी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वे भावुक भी हुए. योगी सरकार ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रिंसिपल डॉक्टर कफील निलंबित कर दिया है.
कोर्ट नहीं करेगा दखल
गोरखपुर में हुई बच्चों की मौत के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेने से मना कर दिया है. सोमवार को कोर्ट ने कहा है कि इस मुद्दे पर कोई भी याचिकाकर्ता हाई कोर्ट जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि इस घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री खुद नजर बनाए हुए है.
मंत्री के घर पड़े अंडे-टमाटर
घटना के बाद उत्तर प्रदेश के स्वास्थय मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों और छात्र नेताओं ने मंत्री के घर पर अंडे-टमाटर की बौछार कर दी. विरोध प्रदर्शन करने वालों में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल थे. बता दें कि घटना के बाद सिद्धार्थ नाथ सिंह का बयान आया था, कि इन मौतों का कारण सिर्फ ऑक्सीजन की कमी नहीं है.
Allahabad: SP workers threw eggs and tomatoes at UP Health Minister Siddharth Nath Singh's residence in protest over #Gorakhpur incident. pic.twitter.com/v4RaJBtPpa
— ANI UP (@ANINewsUP) August 13, 2017
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खां ने इस घटना की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है. आजम बोले कि बच्चों की देखभाल में जिन लोगों की ड्यूटी थे उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए और कार्रवाई भी की जानी चाहिए.
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' ने भी इस घटना को लेकर योगी सरकार के साथ-साथ मोदी सरकार पर भी निशाना साधा है. सामना ने अपने संपादकीय में उत्तर प्रदेश की इस घटना को 'सामूहिक बालहत्या' करार दिया है.