गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में प्रशासन की लापरवाही से जान गंवा चुके बच्चों के अभिभावकों का गुस्सा कम होता नहीं दिख रहा. अपने नौनिहालों की मौत के सदमे से उबरने की कोशिश करते अभिभावक अब प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई का मूड बना रहे हैं. ऐसे ही एक अभिभावक ने यूपी के स्वास्थ्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं किया और सिर्फ शिकायत दर्ज की है. मंगलवार को बिहार के गोपालगंज जिले में रहने वाले ऐसे ही एक अभागे पिता मैनेजर राजभर ने यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की. मैनेजर ने इंसेफेलाइटिस से पीडि़त अपने बच्चे को 10 अगस्त को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. लेकिन ऑक्सीजन की कमी की वजह से उन्होंने अपना बच्चा खो दिया. उन्होंने लापरवाही की इस घटना के लिए यूपी के स्वास्थ्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को जिम्मेदार ठहराया है.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते गोरखपुर का सरकारी अस्पताल बच्चों के लिए कब्रिस्तान बन गया था. करीब 36 घंटे के अंदर एक-एक कर 33 मासूमों ने अस्पताल के अंदर दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि 69 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई गुरुवार की रात से ठप कर दी थी. खबरों के मुताबिक 5 दिनों में 63 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि अस्पताल प्रशासन और यूपी सरकार यह कह रही है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है. यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का कहना था कि अगस्त महीने में आमतौर पर इंसेफेलाइटिस से ज्यादा बच्चे मरते हैं और यह मौतें भी ऐसी ही हैं.