उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आज से गोरखपुर मे सैफई महोत्सव की तर्ज पर गोरखपुर महोत्सव की शुरुआत करने जा रही है. 11 जनवरी से 13 जनवरी तक तीन दिन तक चलने वाले इस महोत्सव की तुलना सपा सरकार के सैफई महोत्सव से की जा रही है.
हालांकि भाजपा सरकार के मुताबिक यह प्रोग्राम पहले से भी होता रहा है और सैफई महोत्सव से उलट इसमें भारतीयता, राष्ट्रीयता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भरमार देखने को मिलेगी. इस महोत्सव का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक करेंगे और समापन उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ करेंगे.
गोरखपुर महोत्सव के लिए पूरे शहर में काफी तैयारियां की गई हैं. पंडाल लगाए गए हैं. लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई है और कलाकारों के आने जाने की व्यवस्था की गई है.
कितना है बजट
उत्तर प्रदेश सरकार के सांस्कृतिक विभाग में इसके लिए 35 लाख रुपए का बजट रखा है. गोरखपुर महोत्सव में मशहूर भोजपुरी कलाकार रवि किशन, मशहूर गायक शंकर महादेवन और मालिनी अवस्थी के भी प्रोग्राम होंगे. हालांकि विपक्ष ने योगी सरकार के इस महोत्सव पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है पहले तो भाजपा सैफई महोत्सव की बुराई करती थी और अब खुद भी उसी राह पर है.
महोत्सव का उद्देश्य
इस महोत्सव का उद्देश्य गोरखपुर और आसपास के जिलों में पर्यटन और संस्कृति धरोहर को बढ़ावा देना है. अधिकारियों के मुताबिक गोरखपुर महोत्सव हर साल होता था, लेकिन इस साल इसलिए भी खास है, क्योंकि गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर है.
गोरखपुर की तर्ज पर आसपास के जिलों में भी महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इससे पहले कानपुर के बिठूर में गंगा महोत्सव, बनारस में गंगा आरती, हरिद्वार में भी आरती और महोत्सव का आयोजन किया जा चुका है.