विधायक निधि से होने वाले कामों में अनियमितता रोकने का काम जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी का होगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने इन अधिकारियों को आदेश दिया है कि जहां भी विधायक निधि से विकास काम हो रहे हैं, उनका स्थलीय सत्यापन और निरीक्षण करवाकर काम की गुणवत्ता सुनिश्चित कराई जाए. अगर कोई अनियमितता सामने आती है तो इसकी सूचना सरकार तक सीधे पहुंचेगी.
एमएलए फंड से होने वाले विकास कार्यों में गुणवत्ता की कमी को लेकर आए दिन शिकायतें आती रहती हैं. शिकायतकर्ताओं की नाराजगी इस बात को लेकर होती है कि जनप्रतिनिधियों के फंड से होने वाले काम की जांच और स्तापन नहीं की जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि काम के स्टेटस और गुणवत्ता पर सवाल कर कोई भी अधिकारी विधायकों को 'नाराज' नहीं करना चाहता. ठेकेदारों को इसका नाजायज फायदा होता है. यह पाया गया है कि ऐसे प्रोजेक्ट के जांच और सत्यापन का प्रावधान होने के बावजूद इसका अनुपालन नहीं हो पा रहा है.
विधानसभा की आश्वासन समिति के सामने यह मामला उठा. ग्राम विकास विभाग ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य विकास अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा है. इसमें अधिकारियों से कहा गया है कि योजना में स्वीकृत निर्माण कार्यों की गुणवत्ता हर हाल में तय की जाए. इसके लिए पूरे हो चुके निर्माण कार्यों और चल रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय सत्यापन और निरीक्षण जरूर किया जाए.