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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 122वीं बोर्ड बैठक, विकास कार्यों के लिए 4398 करोड़ का बजट पास, स्मार्ट विलेज के लिए 210 करोड़

बैठक में ग्रेटर नोएडा में अर्बन सर्विसेज एवं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्राधिकरण ने 460.20 करोड़ खर्च करने का निर्णय लिया गया. जिससे ग्रेटर नोएडा के निवासियों को अर्बन सर्विसेज समेत स्वास्थ्य सुविधाएं सही तरीके से मिल सकें. बैठक मे निर्णय लिया गया कि ग्रेटर नोएडा में विकास एवं निर्माण के लिए 900 करोड़ खर्च किए जाएंगे. 

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 122वीं बोर्ड बैठक
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 122वीं बोर्ड बैठक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्मार्ट विलेज योजना पर खर्च होंगे 210 करोड़
  • 4398.80 करोड़ का बजट पास
  • एयरपोर्ट परियोजना के लिए 2200 करोड़ का खर्च

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 122वीं बोर्ड बैठक में ग्रेटर नोएडा के विकास को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. साथ ही इस शहर के विकास के लिए 4398.80 करोड़ का बजट पास किया गया. प्राधिकरण ने फैसला लिया कि ग्राम विकास एवं स्मार्ट विलेज योजना पर 210 करोड रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे ग्रेटर नोएडा के ग्रामीणों को सभी सुविधाएं मिल सकें. बता दे कि वर्तमान में लगभग 67.59 करोड़ के निर्माण कार्य चल रहे हैं. 

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बैठक में ग्रेटर नोएडा में अर्बन सर्विसेज एवं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्राधिकरण ने 460.20 करोड़ खर्च करने का निर्णय लिया गया. जिससे ग्रेटर नोएडा के निवासियों को अर्बन सर्विसेज समेत स्वास्थ्य सुविधाएं सही तरीके से मिल सकें. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक मे निर्णय लिया गया कि ग्रेटर नोएडा में विकास एवं निर्माण के लिए 900 करोड़ खर्च किए जाएंगे. 

वर्तमान में लगभग 67.59 करोड़ के निर्माण और विकास कार्य चल रहे हैं, लगभग 15.11 करोड़ के कार्य  निविदा प्रक्रिया में हैं तथा लगभग 62.45 करोड़ के कार्यों के इस्टिमेट तैयार किये जा रहे हैं. 

भू-अधिग्रहण और जेवर एयरपोर्ट परियोजना के मद में 2200 करोड़ का व्यय होगा. वहीं ग्रेटर नोएडा में मेट्रो का विस्तार बढ़ाने के लिए प्राधिकरण 75 करोड़ रुपये खर्च करेगा. ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में स्टेडियम एवं खेल के मैदानों के मद में 100 करोड़ का खर्च किया जाएगा. 

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 122वीं बोर्ड बैठक

जबकि ग्रेटर नोएडा इलाके में कम्युनिटी सेंटरो एवं मल्टीपर्पज सेंटरों के लिए 25 करोड़ का व्यय किया जायेगा. साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के नए कार्यालय, जो ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बन रहा है, उसके लिए 36 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. साथ ही इस बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि विभिन्न संपत्तियों की नई योजनाओं से वर्ष 2021-22 में लगभग 573 करोड की प्राप्तियां संभावित है. 

आवासीय भूखंड, बिल्टअप हाउसेस, शाप्स या कियोस्क आदि के हस्तांतरण शुल्क को 5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है. फ्लैट बायर्स के आवंटियों हेतु हस्तांतरण शुल्क अधिकतम 1 प्रतिशत कर दिया गया है. 

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा निर्मित भवनों फ्लैट्स, दुकानों कियोस्क्स ऑफिस स्पेस आदि की दरों को व्यवहारिक एवं मार्केट मांग के अनुरूप कंपटेटिव दरों पर परिसंपतियों को उपलब्ध कराने हेतु ब्याज की दरों को भी 11 प्रतिशत के स्थान पर 8.5 प्रतिशत करते हुये भारित कर दिया गया है.

साथ ही प्रशासनिक व्यय को भी घटाकर 12 प्रतिशत से 6 प्रतिशत कर दिया गया है. जिससे कि प्राधिकरण द्वारा आवंटित की जाने वाली परिसंपतियों की रिजर्व प्राइस और आवंटन दरें कम हो जायेंगी, जिसका सीधा फायदा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा आवंटित की जाने वाली परिसम्पत्तियों के बायर्स और आवंटियों को प्राप्त होगा. 

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इस महत्वपूर्ण बोर्ड बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने आवंटियों और खरीदारों को भी राहत देने का निर्णय लिया, जिसके लिए हस्तांतरण शुल्क और ट्रांसफर चार्जेज को घटा दिया गया है. औद्योगिक भूखंड में ट्रांसफर चार्ज 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, साथ ही आवसीय भू-खंड में 5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है. 

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 से पूर्व के आवंटनों (आवासीय व बिल्टअप हाउसिंग योजनाओं) के लिये एकमुश्त समाधन योजना (One Time Settlement Scheme) के अन्तर्गत आवंटियों को ये सुविधाये प्रदान किये जाने हेतु निर्णय लिये गये हैं. 

ओटीएस योजना वित्तीय वर्ष 2016-17 से पूर्व की आवंटन पद्धति से आवंटित आवासीय (भूखंड/भवन) योजनाओं में केवल उन प्रकरणों पर लागू होगी जो वर्तमान में डिफ़ॉल्टर है, भविष्य की देयता पर में यह योजना लागू नहीं होगी. ओटीएस योजना लागू होने की तिथि से दिनांक 30.09.2021 तक आवेदन करने पर 150 वर्गमीटर से कम आकार वाले भूखंड एवं भवनों के आवंटियों हेतु रुपये 2000/- तथा 150 वर्गमीटर से अधिक आकार वाले भूखंड एवं भवनों के आवंटियों हेतु रूपये 5000/- प्रोसेसिंग फीस जमा करनी होगी, जिसका समायोजन किसी भी देयता में नहीं किया जायेगा. 

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में जहां एक ओर औद्योगिक निवेश होने से बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन हो रहा है, वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय किसानों के बच्चों में स्किल डेवलपमेंट की कमी के कारण उनको रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध नहीं हो पाते हैं. इस प्रकार ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में रोजगार हेतु वांछित स्किल के मिसमैच को दूर किये जाने के आशय से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण में एक नवीन विभाग 'कौशल विकास विभाग' का सृजन किये जाने का अनुमोदन माननीय बोर्ड द्वारा प्रदान करते हुये स्वीकृति हेतु शासन को भेजे जाने हेतु आदेशित किया गया है. 

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 122वीं बोर्ड बैठक में औद्योगिक विकास आयुक्त व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष संजीव मित्तल, औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण, नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी, यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह मौजूद रहे. 

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