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DSC रोड और इकोटेक थ्री को जल जमाव से मिलेगी निजात, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का ये है प्लान

योजना के मुताबिक हल्दौनी और कुलेसरा के बीच डीएससी रोड पर पाइपलाइन बिछाई जाएगी. यहां से बारिश के पानी को हिंडन में गिराया जाएगा. इस काम पर करीब 4.66 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

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ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (फाइल फोटो)
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दो परियोजनाओं पर 12 करोड़ की अनुमानित लागत
  • अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण ने स्कीम को दी मंजूरी

ग्रेटर नोएडा के डीएससी रोड पर कुलेसरा के पास और इकोटेक-थ्री में लंबे समय से बारिश के मौसम में जल जमाव हो जाता है. इसकी वजह से लोगों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ता है. इस इलाके के लोगों को इस समस्या से बहुत जल्द राहत मिलने की आस है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर परियोजना विभाग ने इस समस्या का स्थायी हल निकालने के लिए प्लान तैयार कर लिया है.

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जानकारी के मुताबिक इन दोनों जगह करीब 12 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए परियोजना विभाग ने योजना तैयार कर लिया है. इसके लिए टेंडर भी जल्द ही जारी करने की तैयारी है. ग्रेटर नोएडा के सेक्टर इकोटेक थ्री और कुलेसरा के पास डीएससी रोड पर बारिश होते ही जलजमाव हो जाता है. यह समस्या कई साल से चली आ रही है. बारिश के पानी की निकासी नहीं होने के कारण इसका समाधान नहीं निकल पा रहा था. 

नोएडा-ग्रेटर नोएडा-दादरी के बीच प्रमुख संपर्क मार्ग होने के कारण हजारों वाहन हर रोज इस मार्ग से गुजरते हैं. जलजमाव होने के कारण आवागमन में दिक्कत होती थी. बीते दिनों भी बारिश होने पर जलजमाव हो गया था जिसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने मौका मुआयना करने के बाद परियोजना विभाग के महाप्रबंधक एके अरोड़ा से इसका स्थायी समाधान निकालने के लिए जल्द प्लान देने को कहा था. परियोजना विभाग ने इन दो जगह पर जलजमाव की समस्या दूर करने के लिए करीब 12 करोड़ रुपये की लागत का प्लान सीईओ के समक्ष प्रस्तुत कर दिया. 

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योजना के मुताबिक हल्दौनी और कुलेसरा के बीच डीएससी रोड पर पाइपलाइन बिछाई जाएगी. यहां से बारिश के पानी को हिंडन में गिराया जाएगा. इस काम पर करीब 4.66 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसी तरह सेक्टर ईकोटेक थ्री में कच्ची सड़क के किनारे चार ऑटोमेटिक संपवेल लगाए जाएंगे। बारिश से कम जलभराव होने पर दो संपवेल ऑटोमेटिक चालू हो जाएंगे. ज्यादा जलभराव होने पर दो और संपवेल खुद से चालू हो जाएंगे. जलजमाव खत्म होने पर ये पंप अपने आप बंद हो जाएंगे. यहां से बारिश के पानी को लखनावली के पास  हिंडन में गिराया जाएगा. इस काम पर करीब 7.16 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

सीईओ नरेंद्र भूषण ने दोनों प्लान को मंजूरी दे दी है. प्राधिकरण का तकनीकी विभाग अब एस्टीमेट का परीक्षण कर रहा है. एस्टीमेट पर सीनियर अफसरों से स्वीकृति लेकर एक माह में टेंडर प्रक्रिया पूरी करके निर्माण कार्य शुरू कराने की योजना है. परियोजना विभाग के महाप्रबंधक एके अरोड़ा ने बताया कि ये दोनों कार्य हो जाने के बाद जलभराव की समस्या दूर हो जाएगी.

 

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