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ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश देने वाले जज का तबादला

ज्ञानवापी मामले में सर्वे का आदेश देने वाले जज रवि कुमार दिवाकर का ट्रांसफर कर दिया गया है. उन्हें वाराणसी से बरेली भेज दिया गया है. कुछ समय पहले रवि कुमार को धमकी भरी चिट्ठी भी मिली थी.

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जज रवि कुमार दिवाकर (ट्विटर)
जज रवि कुमार दिवाकर (ट्विटर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जज को मिल चुकी है धमकी भरी चिट्ठी
  • फैसला देने के समय बताया था जान को खतरा

ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश देने वाले जज रवि कुमार दिवाकर का तबादला कर दिया गया है.उन्हें  वाराणसी से बरेली जिला भेज दिया गया है. प्रशासन ने इस तबादले का कोई कारण नहीं बताया है, लेकिन क्योंकि ज्ञानवापी मामले में उनकी सक्रिय भूमिका रही है, ऐसे में उनके तबादले को भी अहम माना जा रहा है.

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जानकारी के लिए बता दें कुछ दिन पहले ही रवि कुमार दिवाकर ने बताया था कि उन्हें धमकी भरी चिट्ठी दी गई. उस चिट्ठी में ज्ञानवापी को लेकर दिए गए उनके फैसले का भी विरोध किया गया था. इससे पहले भी जब रवि कुमार दिवाकर ने सर्वे का आदेश दिया था, तब भी उन्होंने जिक्र किया था कि वे और उनका परिवार सुरक्षित नहीं है. उस समय उन्होंने कहा था कि साधारण केस में भी डर का माहौल बनाया गया. डर इतना कि मेरे परिवार को मेरी और मुझे अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता बनी रहती है.

वैसे जज ने जब से अपनी जान को खतरा बताया था, पुलिस की तरफ से उनकी सुरक्षा को काफी बढ़ाया जा चुका है. आजतक से बात करते हुए पुलिस कमिश्नर ने बताया था कि 9 पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा में लगातार तैनात रहते हैं. उनके परिवार के दूसरे सदस्यों की भी वे रक्षा करते हैं. अब उन तमाम सुरक्षा इंतजामों के बीच उनका ट्रांसफर वारणसी से बरेली कर दिया गया है. इस ताबदले पर अभी तक रवि कुमार दिवाकर की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. सरकार ने भी इस फैसले पर कोई विस्तृत बयान जारी नहीं किया है.

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अभी के लिए इस मामले में शिवलिंग वाले एरिया को सील कर रखा गया है. कई मौकों पर हिंदू पक्ष द्वारा वहां पर पूजा करने की अनुमति मांगी गई है, लेकिन कोर्ट ने वो इजाजत नहीं दी है. वैसे इस मामले में विवादित टिप्पणी को लेकर भी कोर्ट में एक केस चल रहा है. वाराणसी के MP-MLA कोर्ट में ये मामला लंबित है और 27 जून को अगली सुनवाई होने जा रही है.  इसमें समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव, AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी की विवादित टिप्पणी पर सुनवाई होनी है.

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