ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग के संरक्षण के आदेश को आगे बढ़ाने की गुहार लेकर हिन्दू पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक शिवलिंग को संरक्षित रखने का अपना आदेश बरकरार रखा है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि फिलहाल ज्ञानवापी मस्जिद में 17 मई से चल रही यथास्थिति बरकार रहेगी.
दरअसल, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मामले की सुनवाई की. इस दौरान हिन्दू पक्षकारों की तरफ से सीनियर ऐडवोकेट रंजीत कुमार ने बहस करते हुए कहा कि मुस्लिम पक्ष की याचिका अब प्रभावहीन हो गई है क्योंकि इसमें सर्वेक्षण कमीशन के गठन को चुनौती दी गई है.
कुमार ने कहा कि कोर्ट ने 17 मई के अंतरिम आदेश में ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को संरक्षित रखने आदेश दिया था. इस पर 12 सितंबर को मस्जिद कमिटी की आपत्ति अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया था. उसके खिलाफ मस्जिद पक्ष की याचिका हाई कोर्ट में लंबित है. कुमार ने गुहार लगाई कि अंतरिम आदेश को सुप्रीम कोर्ट बढ़ाये. जिसमें शिवलिंग को संरक्षित और सुरक्षित रखने का आदेश दिया था.
वहीं मस्जिद कमिटी ने कहा कि हमारी अर्जी अभी प्रभावहीन नहीं हुई है. क्योंकि इसमें उपासना स्थल कानून 1991 के उल्लंघन का भी मसला विचाराधीन है. सुनवाई के दौरान वाराणसी की कई अदालतों में ज्ञानवापी से ही संबंधित अलग अलग मामले लंबित हैं. उन्हें एक ही कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश देने की गुहार भी सुप्रीम कोर्ट से लगाई गई.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दूसरे सूट जो वाराणसी के सिविल कोर्ट में दाखिल है उसे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ट्रांसफर करने को लेकर डिस्ट्रिक्ट जज के समक्ष अर्जी दाखिल करें. डिस्ट्रिक्ट जज तय करेंगे कि सभी याचिकाओं को एक साथ सुनवाई हो या नही. वहीं अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के संरक्षण और सुरक्षित रखने के अंतरिम आदेश को अगले आदेश तक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.