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Exclusive: सामने आया ज्ञानवापी में मौजूद 'शिवलिंग' का वीडियो, दीवारों पर त्रिशूल के चिह्न

ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर का वीडियो सामने आ गया है. इस वीडियो में मस्जिद की दीवारों पर त्रिशूल के चिह्न दिखाई दे रहे हैं. हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग होने का दावा कर रहा है, वहीं मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है. 

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पानी से भरे जगह को खाली कराने के बाद शिवलिंग वाली आकृति दिखी. वीडियो से लिया गया स्क्रीनशॉट.
पानी से भरे जगह को खाली कराने के बाद शिवलिंग वाली आकृति दिखी. वीडियो से लिया गया स्क्रीनशॉट.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वाराणसी जिला कोर्ट में सुनवाई 4 जुलाई तक टली
  • फास्ट ट्रैक कोर्ट में 8 जुलाई को होगी सुनवाई

Gyanvapi Masjid case: ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर का वीडियो सामने आ गया है. आजतक के पास ये वीडियो मौजूद है. सर्वे के दौरान बनाए गए वीडियो में दिख रहा है कि वुजूखाने में पानी कम कराने के बाद शिवलिंग जैसी आकृति दिखी. आकृति दिखने के बाद उसका वीडियो बनाया गया फिर उस आकृति की नाप-जोख की गई. हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग होने का दावा कर रहा, वहीं मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है. 

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कमीशन की रिपोर्ट में जिन-जिन चीजों का दावा किया गया था, वो सभी बातें वीडियो में दिख रहा है. वीडियो में शिवलिंग के ऊपर सीमेंट रखा गया है जिसे टुकड़ों में काटा गया है. देखकर ऐसा लगता है, शिवलिंग को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की गई. इसमें बीच से छेद करने की कोशिश की गई. हिंदू पक्ष का दावा है कि हमारे आराध्य देव को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है.

सबसे पहले कमीशन की टीम अंदर पहुंची तो उसने पानी वाले हिस्से में से पानी निकलवाया. पानी कुछ कम हुआ तो शिवलिंग का कुछ हिस्सा दिखा. पानी और कम हुआ तो अंदर शिवलिंग जैसी आकृति दिखी जिसके बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि ये शिवलिंग है और यहां हमें पूजा का अधिकार मिले. वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये शिवलिंग नहीं फव्वारा है. फिलहाल मामला कोर्ट में है और मामले में लगातार सुनवाई हो रही है. फिलहाल, सर्वे से जुड़ा वीडियो आजतक के पास मौजूद है. 

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एक अन्य वीडियो में मस्जिद के अंदर त्रिशूल दिख रहा है. दीवारों पर त्रिशूल की आकृति देखते हुए कमीश्नर कहते हैं कि इसका वीडियो बनाओ. 

शिवलिंग की आकृति के ठीक सामने हैं नंदी महाराज

वीडियो में दिख रहा है कि नंदी महाराज के ठीक सामने मस्जिद वाले हिस्से में टीनशेड के नीचे शिवलिंग वाली आकृति है जहां पानी भरा हुआ था और यही वो जगह है जहां मुस्लिम समाज के लोग वुजू किया करते थे. वहीं मस्जिद के पश्चिमी दीवार की भी तस्वीरें वीडियो में दिख रही हैं जिस पर कई ऐसे नक्काशी हैं जिसे देखकर दावा किया जा सकता है कि ये मंदिर रहा था. दीवारों पर त्रिशूल के अलावा स्वास्तिक का भी निशान है. बता दें कि इस वीडियो को लेकर मुस्लिम पक्ष अपील कर रहा था कि ये वीडियो बाहर नहीं आने चाहिए लेकिन कोर्ट की ओर से दोनों पक्षों को ये वीडियो दे दिया गया है जो आजतक के पास एक्सक्लूसिव है.

इससे पहले इस मामले पर आज वाराणसी जिला कोर्ट और फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई. जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में मामले की पोषणीयता (मामला सुनने योग्य है या नहीं) पर सुनवाई हुई. इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें पेश कीं. मुस्लिम पक्ष ने हिंदुओं के दावे पर आपत्तियां दर्ज कराईं. इसके साथ ही कोर्ट ने सर्वे का वीडियो फुटेज सार्वजनिक न करने की शर्त पर वादी पक्षों को सौंप दिया है. 

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जिला कोर्ट में अगली सुनवाई को 4 जुलाई तक टाल दिया है. उधर, ज्ञानवापी को हिंदुओं को सौंपने की मांग वाली याचिका पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने मूल वाद की कॉपी सारे वादियों को देने के लिए कहा है. कोर्ट ने अगली सुनवाई 8 जुलाई को रखी है.

जिला कोर्ट में क्या क्या हुआ?

ज्ञानवापी केस में वाराणसी की जिला कोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में हिंदू पक्ष के मुकदमे पर प्वाइंट टू प्वाइंट आपत्ति दर्ज कराई. अब इस मामले में 4 जुलाई को अगली सुनवाई होगी. अभी तक इस मामले में हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलें नहीं रखी हैं.

सर्वे के वीडियो का दुरुपयोग नहीं करेंगे- याचिकाकर्ता

सुनवाई के दौरान वकीलों ने जज से सर्वे के वीडियो फुटेज देने की मांग की. कोर्ट ने सर्वे का वीडियो सार्वजनिक न करने की शर्त पर वादी पक्षों को सौंप दिया. हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से अंडरटेकिंग भी ली. 

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में वीडियो को सार्वजनिक न करने को लेकर दाखिल अंडरटेकिंग हलफनामे में लिखा है कि वे फोटो और वीडियो का दुरुपयोग नहीं करेंगे. लेकिन अपने अधिवक्ता को दे सकते हैं. ताकि जरूरत पड़ने पर केस के दौरान इन तथ्यों का इस्तेमाल किया जा सके. 

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मस्जिद पक्ष ने वीडियो सार्वजनिक न करने की अपील की थी

हालांकि, इससे पहले वादी पक्ष ने वीडियो सार्वजनिक करने की मांग की थी. वहीं, मस्जिद पक्ष के वकीलों ने शुक्रवार को कोर्ट से ऐसा न करने की मांग की थी तो वही विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से डीएम को भी पत्र लिखकर यह मांग की गई थी कि एडवोकेट कमिश्नर के सर्वे के दौरान के फोटो वीडियो को उपलब्ध कराना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है.     

उधर, हिंदू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन का कहना है कि सारे लिफाफे हमारे पास हैं, यह लीक हुआ है, हम कोर्ट को जानकारी देंगे, अब कोर्ट क्या करेगा वह देखना होगा.

सीजेएम कोर्ट से मांग- मस्जिद कमेटी के खिलाफ FIR हो दर्ज

उधर, ज्ञानवापी केस में विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से सीजेएम स्पेशल कोर्ट में नया प्रार्थना पत्र दिया गया है. इसमें ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग की गई है. विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन के मुताबिक, मसाजिद कमेटी वर्शिप एक्ट का उल्लंघन कर रही है. उन्होंने बताया कि इसे लेकर उन्होंने पिछले हफ्ते चौक थाने में कमेटी पर केस दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. लेकिन केस दर्ज नहीं किया गया. ऐसे में अब विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है.   

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फास्ट ट्रैक कोर्ट में 8 जुलाई को होगी सुनवाई

उधर, फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर आज सुनवाई हुई. पिछले हफ्ते वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित एक नया वाद सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दर्ज कराया गया था. इसके कोर्ट ने फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र पांडे की अदालत में ट्रांसफर कर दिया था. इस नए मुकदमे में मुख्य रूप से तीन मांग की गई हैं... - पूरे ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित हो - ज्ञानवापी मस्जिद पूरी तरह से हिंदुओं को सौंपी जाए  - बाबा विशेश्वर की पूजा तत्काल ज्ञानवापी परिसर में शुरू की जाए.  

कोर्ट ने याचिका की प्रति सभी पक्षों को सौंपने के लिए कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी. 


 

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