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Gyanvapi: 1000 फोटो, कई घंटों का वीडियो... कोर्ट कमिश्नर ने 12 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी

Gyanvapi Mosque Survey Report: सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने कहा कि हमने पूरी रात जागकर रिपोर्ट तैयार की. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट तैयार करते वक्त हर पहलु का ध्यान रखा गया है. तक़रीबन 1000 से ऊपर फोटो हैं, कई घंटे की वीडियो फुटेज हैं.

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ज्ञानवापी मस्जिद (फोटो-PTI)
ज्ञानवापी मस्जिद (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 12 पन्नों की रिपोर्ट आज कोर्ट में सौंपी गई
  • इससे पहले अजय कुमार मिश्र ने सौंपी रिपोर्ट

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट के स्पेशल कमिश्नर विशाल सिंह अपनी सर्वे रिपोर्ट आज दाखिल कर दी है. 12 पन्नों की यह रिपोर्ट 14 से 16 मई के बीच हुए सर्वे को लेकर है. सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में रिपोर्ट जमा करने से पहले कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने आजतक से खास बातचीत की थी और कहा था कि हमने बहुत मेहनत करके रिपोर्ट तैयार की है.

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वहीं, आजतक से बातचीत के दौरान सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि आज कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी गई है. उन्होंने बताया कि कुल 12 पन्नों की रिपोर्ट है, अजय प्रताप सिंह ने बताया कि रिपोर्ट तैयार करने में उन्होंने और विशाल सिंह ने काफी मेहनत की है. हालांकि रिपोर्ट में क्या है? इस सवाल का जवाब न तो विशाल सिंह ने दिया और न ही अजय प्रताप सिंह ने.

1000 फोटो और कई घंटे के वीडियो देखकर बनी रिपोर्ट

रिपोर्ट सौंपने से थोड़ी देर पहले सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने कहा था कि हमने पूरी रात जागकर रिपोर्ट तैयार की. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट तैयार करते वक्त हर पहलु का ध्यान रखा गया है. तक़रीबन 1000 से ऊपर फोटो हैं, कई घंटे की वीडियो फुटेज हैं. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि अजय मिश्र द्वारा जो रिपोर्ट पेश की गई है, उसके बिन्दुओं को भी शामिल किया जायेगा.

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अजय प्रताप सिंह ने पूर्व कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र को हटाए जाने पर भी दुख व्यक्त किया और कहा कि उनकी कमी महसूस हो रही है. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि हम आज रिपोर्ट सौंप देंगे, इसके बाद कोर्ट इसको देखेगी और फिर जो भी आदेश करेगी, हम उसका पालन करेंगे. हालांकि उन्होंने रिपोर्ट पर कुछ भी कमेंट करने से इनकार कर दिया.

अजय कुमार मिश्र की रिपोर्ट में क्या है?

इससे पहले कोर्ट कमिश्नर रहे अजय कुमार मिश्र ने 6 और 7 मई को किए गए सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पेश कर दी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि विवादित स्थल के मूल स्थान बैरिकेटिंग के बाहर उत्तर से पश्चिम दिवार के कोने पर पुराने मन्दिरों का मलबा है.

अजय कुमार मिश्र की रिपोर्ट के मुताबिक, मलबे पर देवी-देवताओं की कलाकृति तथा अन्य शिला पट्ट कमल की कलाकृति देखी गयी, उत्तर-पश्चिम के कोने पर छड़ गिट्टी सीमेन्ट से चबूतरे पर नये निर्माण को देखा जा सकता है. उत्तर से पश्चिम की तरफ चलते हुए मध्य शिला पट्ट पर शेषनाग की कलाकृति नागफन जैसी आकृति देखी गयी.

अजय कुमार मिश्र की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी में शिलापट्ट पर सिन्दूरी रंग की उभरी हुई कलाकृति देखी गयी, जिसकी वीडियोग्राफी कराई गई. शिलापट्ट पर देव विग्रह जिसमें चार मूर्तियों की आकृति दृष्टव्य है, जिस पर सिन्दूरी रंग लगा हुआ है, चौथी आकृति जो मूर्ति की तरह प्रतीत हो रही है, उस पर सिन्दूर का मोटा लेप लगा हुआ है.

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