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उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में सीजीएसटी की छापेमारी में गुटखा व्यापारी जगत बाबू गुप्ता के घर के अंदर बेड बॉक्स में छह करोड़ से अधिक नगदी बरामद हुए हैं. इस बरामदगी के साथ ही जगत बाबू गुप्ता के कई राज सामने आने लगे हैं. आइए जानते हैं कि कैसे जगत बाबू गुप्ता एक गल्ला आढ़ती से गुटखा किंग बन गया.
व्यापार मंडल के अध्यक्ष राकेश निगम दद्दा ने बताया कि करीब 20 साल पहले जगत बाबू गुप्ता भरुआ सुमेरपुर की गल्ला मंडी में आढ़त का काम करता था, फिर उसने देशी गुटखा बनाने का कारखाना लगाया और फिर वो रातों-रात करोड़पति बन गया था. एक और व्यापारी नेता महेश गुप्ता ने बताया कि जगत गुप्ता कभी गल्ला व्यापारी था.
महेश गुप्ता ने बताया कि बतौर गल्ला आढ़ती जगत बाबू गुप्ता फेल हो गया था, इसके बाद उसने दो अन्य साथियों को साझीदार बनाकर 21 साल पहले गुटखा बनाने का कारखाना लगाया था. तमाम ब्रांड के गुटखे तैयार कर इसने मोटी पूंजी भी बनाई है. सीजीएसटी टीम की रेड में गुटखा कारोबारी के घर से मिले छह करोड़ से अधिक की नगदी मिली है.
हमीरपुर जिले के सुमेरपुर कस्बे के पुरानी गल्ला मंडी (थाने के पीछे) रहने वाला जगत गुप्ता पहले गल्ला का कारोबार करता था. वह इस व्यापार में पूरी तरह से फेल गया था. इसने अपने दो दोस्तों को पार्टनर बनाकर 2001 में गुटखा बनाने का कारखाना अपने घर में लगाया था. शुरू में इसने चन्द्रमोहन ब्रांड का रजिस्ट्रेशन कराया.
कुछ ही समय में इस ब्रांड का गुटखा बुन्देलखंड के आसपास के जिलों में मशहूर हो गया था. इस कारोबार से उसकी किस्मत ही चमक गई. सीजीएसटी टीम की रेड में गुटखा कारोबारी और उसके सगे भाई के ठिकाने से टैक्स चोरी का बड़ा मामला पकड़ा गया है. सीजीएसटी के कमिश्नर सोमेश तिवारी ने बताया कि 6.31 करोड़ से अधिक की नगदी मिली है.
जगत गुप्ता के घर के अलावा गुटखा कारोबारी के रिश्तेदार रामऔतार गुप्ता, सहदेव गुप्ता के आवास के साथ ही बिरहाना रोड कानपुर स्थित इनकी फर्मों के कंसस्टेंट कीर्ति शंकर शुक्ल के दफ्तर की भी तलाशी कराई गई है. इससे पहले 2011 में तत्कालीन डीएम जी. श्रीनिवास ने भी गुटखा फैक्ट्री में छापेमारी की थी.
2011 में अवैध कारोबार और टैक्स चोरी में डीएम ने फैक्ट्री को सील कर दिया था. बताते हैं कि उस समय दो स्थानों पर मशीनें लगाकर गुटखा का कारोबार चल रहा था. कार्रवाई के बाद कई महीने तक फैक्ट्री बंद रही थी. इस छापेमारी में राकेश गुप्ता के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई गई थी.
डीएम श्रीनिवास के तबादले के बाद जगत गुप्ता ने दोनों पार्टनरों को कारोबार से अलग कर दिया था और 2013 में "नौकर" के नाम रजिस्ट्रेशन कराकर दयाल ब्रांड के नाम से कारोबार शुरू किया था. इस ब्रांड का गुटखा बुन्देलखंड और आसपास के जिलों की बाजार में खूब बिक रहा है.
सीजीएसटी कानपुर के एक दर्जन अधिकारियों ने पिछले दिनों गुटखा कारोबारी जगत बाबू गुप्ता व उसके भाई प्रदीप गुप्ता के कारखानों व आवास पर छापेमारी कर टैक्स चोरी का बड़ा मामला पकड़ा है. सीजीएसटी के कमिश्नर सोमेश तिवारी के मुताबिक, दोनों भाइयों के बेड रूम से 6 करोड़ 31 लाख 11 हजार आठ सौ रुपये कैश बरामद कर जब्त किया गया है.