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कई घंटों टॉप ट्रेंड में बना रहा #KashiKiDevDeepawali, 50 हजार लोगों ने किया रीट्वीट

देव दीपावली के मौके पर वाराणसी में इस बार कुल 21 लाख दीये प्रज्ज्वलित किए गए. इनमें से 10 लाख दीप काशी में गंगा घाटों पर जलाए गए. हैशटेश KashiKiDevDeepawali कई घंटों तक टॉप ट्रेंड में बना रहा. तकरीबन 21 करोड़ से भी ज्यादा यूजर्स ने इसे देखा और 50 हजार लोगों ने रीट्वीट किया है.

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काशी में मनाया गया देव दीपावली का पर्व (Photo Twitter).
काशी में मनाया गया देव दीपावली का पर्व (Photo Twitter).

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के काशी (Kashi) में देव दीपावली का महापर्व भव्यता के साथ मनाया गया. इस दौरान काशी के गंगा घाटों को दस लाख दीपों से रोशन किया गया है. कुल 21 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए गए हैं. इस महापर्व की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है.

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कार्यक्रम को लेकर हैशटैग "काशी की देव दीपावली" #KashiKiDevDeepawali कई घंटों तक ट्विटर पर टॉप ट्रेंड में बना रहा. इस दौरान 50 हजार से ज्यादा बार इसे रीट्वीट किया गया. 

देव दीपावली पर एक ओर जहां काशी नगरी लाखों दीयों की रोशनी से जगमग हो रही थी. वहीं, दूसरी ओर 21 करोड़ से भी ज्यादा यूजर्स को हैशटैग #KashiKiDevDeepawali दिखा. 30 हजार से भी ज्यादा यूजर्स ने इस हैशटैग के साथ देव दीपावली की तस्वीरें और वीडियो को शेयर की हैं.

पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

जानकारी सामने आई कि तकरीबन 50 हजार लोगों ने रीट्वीट, लाइक और रिप्लाई के जरिए देव दीपावली को ट्वीट किया है. पीएम मोदी ने भी इस खास मौके पर सभी को शुभकामनाएं दी हैं.

उन्होंने ट्वीट किया, "भारत की प्राचीन संस्कृति, अध्यात्म और परंपरा के प्रतीक पर्व कार्तिक पूर्णिमा एवं देव दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं. पवित्र स्नान और दीपदान से जुड़ा यह अवसर हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करें."

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कुछ ऐसी है तैयारी

वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने आजतक से खास बातचीत में देव दीपावली को लेकर सुरक्षा व्यवस्था और सभी बंदोबस्त के बारे में विस्तार से बताया है. उन्होंने कहा कि देव दीपावली को लेकर सभी 84 घाटों को 9 जोन 16 सेक्टर और 32 सब सेक्टर में बांटा गया है.

हर जोन की जिम्मेदारी डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी को दी गई है. वहीं, महिलाओं की सुरक्षा के लिए 17 एंटी रोमियो स्क्वायड की टीम को घाटों पर तैनात किया गया है.

क्या है देव दीपावली की मान्यता?

मान्यता है कि भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि को किया था. भगवान शिव के त्रिपुरासुर का वध करने से खुश देवता धरती पर उतर आए. उनके त्रिशूल पर बसी काशी में दीप जलाए. देवताओं ने काशी में दिवाली मनाई थी और तभी से वाराणसी में कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली मनाने की परंपरा चली आ रही है.

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