‘डॉली, तुम गोलू को रोज चॉकलेट, टॉफी देने के बहाने टहलाओ ताकि वह तुमपर विश्वास करने लगे. एक हफ्ते बाद तुम्हारा एग्जाम है.’ गत 12 मार्च को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर यह मैसेज गोरखपुर निवासी सचिन (20) ने अपनी प्रेमिका लखनऊ के जानकीपुरम निवासी श्रद्घा उर्फ डॉली (17) को दिया था. इसके एक हफ्ते बाद 19 मार्च को सुबह दस बजे डॉली ने अपने घर के पास में रहने वाले डॉ. विनीत वर्मा के चार वर्षीय पुत्र जॉन वर्मा उर्फ गोलू को चॉकलेट दिलाने के बाहर घर से बाहर ले गई.
फेसबुक पर ऐलान कर किया दोस्त का कत्ल
घर से थोड़ी दूर पर मौजूद सचिन ने डॉली के साथ मिलकर गोलू को किडनैप कर लिया. इसके बाद डॉली सचिन के साथ मिलकर गोलू को रेजीडेंसी में घुमाती रही. दोपहर दो बजे के करीब सचिन ने डॉली के मोबाइल से फोन कर गोलू के पिता डॉ. विनीत वर्मा से 20 लाख रुपए की फिरौती की डिमांड की और शाम को पांच बजे तक का वक्त दिया.
फेसबुक पर कमेंट के बाद गई जान
इसके बाद सचिन डॉली और गोलू को रेजीडेंसी में छोडक़र चला गया. रात आठ बजे तक जब सचिन वापस नहीं आया तो डॉली गोलू को लेकर वापस घर चली आई. उधर, रात करीब साढ़े आठ बजे पुलिस ने घेराबंदी कर सचिन को उसके एक और साथी लखनऊ निवासी मयंक (18) के साथ लोहिया पार्क पार्क से अरेस्ट कर लिया जहां पर इन लोगों ने डॉ. विनीत को रुपए लेकर आने को कहा था. लखनऊ के एसएसपी जे. रवींद्र गौड़ बताते हैं कि सचिन, डॉली और मयंक ने फेक आईडी से एक महीने पहले फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाया था और इसपर चैट करके गोलू के अपहरण की योजना तैयार कर रहे थे.
गौड़ कहते हैं ‘डॉली और सचिन शादी करना चाहते थे और रुपयों का बंदोबस्त करने के लिए अपहरण की योजना तैयार की थी.’ गत 12 मार्च को सचिन ने आखिरी बाद फैसबुक पर डॉली और मयंक से चैटिंग कर एक हफ्ते बाद तय जगह पर मिलने की बात कही थी. पुलिस ने डॉली, सचिन और मयंक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.