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हाथरस केसः बहाल हुए AMU के डॉक्टर, दो दिन पहले ही हुए थे टर्मिनेट

टर्मिनेट करने के फैसले की आलोचना होते देख एएमयू मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने यू टर्न ले लिया है. कॉलेज प्रशासन ने लीव वैकेंसी पर फिर से दोनों डॉक्टरों को बहाल कर दिया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एफएसएल रिपोर्ट पर उठाए थे सवाल
  • वीसी ने तत्काल प्रभाव से किया था टर्मिनेट
  • फैसले की हो रही थी हर तरफ आलोचना

हाथरस गैंगरेप केस की जांच के बीच एफएसएल रिपोर्ट पर सवाल उठे थे. एफएसएल रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दो डॉक्टरों को टर्मिनेट कर दिया था. अब दोनों डॉक्टरों का टर्मिनेशन खत्म कर वापस बहाल कर दिया गया है. दोनों डॉक्टरों को फिर से लीव वैकेंसी पर बहाल किया गया है.

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बताया जाता है कि डॉक्टर अजीम और डॉक्टर ओबैद को एएमयू मेडिकल कॉलेज से मंगलवार को निकाल दिया गया था. एएमयू मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दोनों को यह कहते हुए निकाल दिया था कि दोनों को लीव वैकेंसी पर रखा गया था. कॉलेज प्रशासन ने यह भी कहा था कि दोनों डॉक्टरों का कार्यकाल पूरा हो गया है. इस फैसले के लिए कॉलेज प्रशासन की आलोचना हो रही थी.

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फैसले की आलोचना होते देख एएमयू मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने यू टर्न ले लिया है. कॉलेज प्रशासन ने लीव वैकेंसी पर फिर से दोनों डॉक्टरों को बहाल कर दिया है. गौरतलब है कि डॉक्टर अजीम और डॉक्टर ओबैद ने एफएसएल रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाए थे. एफएसएल रिपोर्ट में पीड़िता के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई थी. एएमयू के वीसी प्रोफेसर तारिक मंसूर ने तत्काल प्रभाव से टर्मिनेट करने के आदेश दिए थे.

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डॉक्टर अजीम ने हाथरस मामले को लेकर अपनी राय रखते हुए कहा था कि 10 से 12 दिन बाद यदि सैंपल कलेक्ट किया जाता है तो रेप की पुष्टि करना नामुमकिन है. सीबीआई की टीम ने भी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर छानबीन की थी. सीबीआई की टीम ने मेडिकल कॉलेज में सात घंटे तक पूछताछ की थी.

 

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