इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ लगे जमीन डील मामले के आरोपों की जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है.
गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह और वी के दीक्षित की संयुक्त पीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 29 नवंबर 2012 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. न्यायाधीशों ने गुरुवार को याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह विचार योग्य नहीं है.
नूतन ठाकुर ने पिछले साल अक्टूबर में दायर याचिका में कहा था कि वाड्रा के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के आरोपों की जांच कराने के संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री के दफ्तर को नौ अक्टूबर को प्रत्यावेदन भेजे थे. इसके तहत प्रधानमंत्री कार्यालय को इल्जामात की जांच कराने के निर्देश देने का आग्रह अदालत से किया था.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की तरफ से दायर किए गए हलफनामे में रॉबर्ट वाड्रा पर लगाए गए आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताते हुए कहा गया कि मामले की जांच की जरूरत नहीं है. हलफनामे में पूरे मामले को दो पक्षों के बीच व्यक्तिगत व्यवसायिक मामला बताया गया। नूतन ठाकुर की याचिका को पीएमओ ने मात्र मीडिया की खबरों पर आधारित व पब्लिसिटी हासिल करने वाला कदम बताया था.
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल द्वारा डीएलएफ समूह और रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ लगाए आरोपों के बाद नूतन ठाकुर ने लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर करके पूरे मामले की जांच कराने की मांग की थी.