इलाहाबाद हाईकोर्ट मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका पर 31 मई को फैसला सुनाएगा. इस मामले में शुक्रवार को बहस पूरी हो गई है. मुख्तार अंसारी के खिलाफ विधायक निधि के दुरुपयोग का आरोप है.
मऊ के सराय लखंसी थाने में 24 अप्रैल 2021 को एफआईआर दर्ज हुई थी. मामले में मुख्तार अंसारी के साथ चार अन्य आरोपी बनाए गए हैं. आरोप में कहा गया है कि विधायक निधि से विद्यालय निर्माण के लिए प्रबंधक को 25 लाख रुपए दिया गया था. लेकिन विद्यालय का निर्माण नहीं कराया गया.
इस मामले में विद्यालय के प्रबंधक बैजनाथ यादव व विधायक प्रतिनिधि आनंद यादव भी आरोपी बनाए गए हैं. हालांकि कोर्ट से विद्यालय प्रबंधक बैजनाथ यादव और प्रतिनिधि आनंद यादव को जमानत मिल चुकी है.
इससे पहले हाईकोर्ट में 13 मई को मुख्तार की जमानत पर अदालत में डेढ़ घंटे बहस चली थी जिसमें बचाव की पक्ष की ओर से कहा गया कि विधायक निधि देने के बाद उनकी कोई भूमिका नहीं है.
बता दें कि मुख्तार अंसारी इस समय पर कई मामले दर्ज हैं और इस समय वह सलाखों के पीछे हैं. योगी सरकार के पहले ही कार्यकाल से वो जेल के अंदर है. लेकिन यूपी में सीएम योगी की दोबारा सत्ता आते ही मुख्तार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. योगी सरकार निशाने पर मुख्तार के खास सहयोगी और गुर्गे भी हैं. एक ओर जहां मुख्तार की करोड़ों की संपत्ति पर लगातार कार्रवाई हो रही है तो दूसरी उनके गुर्गों की भी प्रॉपर्टी पर प्रशासन लगातार बुलडोजर चला रहा है.