scorecardresearch
 

यूपी: हाई कोर्ट ने हड़ताली डॉक्‍टरों को काम पर लौटने को कहा

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में चल रही जूनियर डाक्टरों की हड़ताल का स्वत: संज्ञान लेते हुए हड़ताली डाक्टरों से तत्काल अपने काम पर लौटने को कहा है.

Advertisement
X
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में चल रही जूनियर डाक्टरों की हड़ताल का स्वत: संज्ञान लेते हुए हड़ताली डाक्टरों से तत्काल अपने काम पर लौटने को कहा है. हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इसके साथ ही पूरे मामले की जांच न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) वी के माथुर को सौंप दी है. अदालत ने हड़ताली डाक्टरों की तरफ से कानपुर के एसएसपी यशस्वी यादव के तबादले की मांग का भी संज्ञान लिया है.

Advertisement

न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय की बेंच ने यह आदेश सूबे में डाक्टरों की हड़ताल से मरीजों को होने वाली परेशानी और 40 मौतों के बारे में अखबारों में छपी खबरों का स्वत: संज्ञान लेकर उसे जनहित याचिका के रूप में मानते हुए दिया है.

गौरतलब है कि शनिवार को कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज के जूनियर डॉक्टरों से सपा विधायक इरफान सोलंकी का विवाद होने के बाद हुई पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में डाक्टरों ने हड़ताल कर दी है जो पांचवें दिन भी जारी है और इसमें सूबे के सभी प्रमुख मेडिकल कालेजों के जूनियर डाक्टर शामिल हो गए हैं.

समाचार पत्रों में छपी खबरों के अनुसार, इस हड़ताल के दौरान अब तक प्रदेश में 40 मरीज जान गंवा चुके है और मरीजों को इलाज के दर दर भटकना पड़ रहा है. बुधवार को कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोडियाल आदि को तलब कर लिया.

Advertisement

राज्य सरकार की तरफ से हालांकि मामले की सुनवाई छह मार्च को किये जाने का आग्रह किया गया, मगर अदालत ने उक्त निर्देश देकर सरकारी पक्ष को एक बजे तक अपना पक्ष रखने को कहा है. न्यायालय ने इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप नारायण माथुर को न्यायमित्र भी नियुक्त किया जो सुनवाई के दौरान अदालत में पेश हुए. उधर, राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता आई पी सिंह भी पेश हुए.

Advertisement
Advertisement