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दादरी घटना: गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट, मायावती ने अखि‍लेश को कोसा

गोमांस खाने की अफवाह पर एक व्यक्ति‍ की पीट-पीटकर हत्या मामले में गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है. साथ ही मंत्रालय ने राज्य सरकार निर्देश देते हुए यह सुनिश्चि‍त करने को कहा कि आगे से इस तरह की घटनाए न हो. दूसरी ओर, प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने इसके लिए अखि‍लेश सरकार को दोषी ठहराया है.

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गृह मंत्रालय राजनाथ सिंह की फाइल फोटो
गृह मंत्रालय राजनाथ सिंह की फाइल फोटो

गोमांस खाने की अफवाह पर एक व्यक्ति‍ की पीट-पीटकर हत्या मामले में गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है. साथ ही मंत्रालय ने राज्य सरकार निर्देश देते हुए यह सुनिश्चि‍त करने को कहा कि आगे से इस तरह की घटनाए न हो. दूसरी ओर, प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने इसके लिए अखि‍लेश सरकार को दोषी ठहराया है.

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बीएसपी प्रमुख मायावती ने 50 साल के इखलाक की हत्या की घटना पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के अराजक व अपराधी तत्वों से ज्यादा प्रदेश की एसपी सरकार दोषी है.

मायावती ने अपने बयान में कहा, 'दादरी की दर्दनाक घटना के लिए आरएसएस और बीजेपी के अराजक और आपराधिक तत्वों से ज्यादा उत्तर प्रदेश की सपा सरकार दोषी है. पुलिस की विफलता के साथ-साथ प्रदेश में बदतर कानून व्यवस्था की स्थिति की दूसरी मिसाल और क्या हो सकती है.' उन्होंने कहा कि दादरी ही नहीं, बल्कि संपूर्ण प्रदेश में ऐसे सांप्रदायिक मुस्लिम विरोधी अराजक और अपराधी तत्व सक्रिय होकर माहौल को खराब करने में लगे हुए हैं.

'सरकार को शांति का माहौल पसंद नहीं'
मायावती ने आरोप लगाते हुए कहा, 'अखिलेश यादव सरकार ना तो खुद कार्रवाई करती है और ना ही स्थानीय स्तर पर सिविल और पुलिस अधिकारियों को अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन करने दे रही है. इसका खास कारण यह है कि प्रदेश की सपा सरकार का यह मानना है कि अराजकता, दंगा फसाद, रेप और हत्याओं के माहौल में ही वह जिंदा रह सकती है. कानून व्यवस्था और शांति का माहौल उसे कतई पसंद नहीं है.'

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उन्होंने कहा कि इस घटना ने एसपी और बीजेपी व संघ की आपसी मिलीभगत के साथ साथ वर्तमान अखिलेश सरकार की लचर और बेलगाम कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है. बीएसपी प्रमुख ने कहा कि हर जघन्य घटना को रुपये में तौलना अखिलेश सरकार की खास खराब आदत बन गई है, क्योंकि उसे लगता है कि पीड़ि‍तों की न्याय की अभिलाषा को रुपये में तौला खरीदा जा सकता है.

 

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