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यूपी-उत्तराखंड में शराबकांड से कोहराम: अब तक 109 लोगों की मौत, 175 गिरफ्तार

मौत की संख्या 100 के पार जाने पर योगी सरकार की सख्ती के बाद प्रशासन ने अवैध शराब बनाने और बेचने वालों के खिलाफ 15 दिन का अभियान शुरू किया है. सहारनपुर में अब तक 39 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि 35 मुकदमें दर्ज किए गए हैं.

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यूपी में जहरीली शराब बनी काल
यूपी में जहरीली शराब बनी काल

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जहरीली शराब की वजह से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने के बाद हरकत में आई उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग के अनुसार हादसे पर अब तक 297 मुकदमा दर्ज करके 175 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. साथ ही अकेले सहारनपुर में 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार जहरीली शराब बनाने और बेचने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (रासुका) लगाने की तैयारी कर रही है. ताजा आंकड़े के मुताबिक, दोनों राज्यों में अब तक कुल 109 लोगों की मौत हो चुकी है.

मौत की संख्या 100 के पार जाने पर योगी सरकार की सख्ती के बाद प्रशासन ने अवैध शराब बनाने और बेचने वालों के खिलाफ 15 दिन का अभियान शुरू किया है. सहारनपुर में अब तक 39 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि 35 मुकदमें दर्ज किए गए हैं. सहारनपुर में अवैध शराब की भठ्ठियों से 36,100 किलो लहन (कच्चा पदार्थ), 250 लीटर कच्ची शराब और 60 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद हुई है. अकेले सहारनपुर में 16 गांव के लोग इस जहरीली शराब की चपेट में आए थे.

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शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे. इसके बाद अवैध शराब के खिलाफ पूरे प्रदेश में जोरदार अभियान चलाया जा रहा है. अवैध शराब के ठिकानों पर पुलिस छापा मार रही है. पूरे अभियान पर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) निगरानी रख रहे हैं.

इस बीच सरकार ने पीड़ितों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा कर दी है. मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और इलाज कर रहे लोगों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा सरकार की ओर से दिया जाएगा.

'आबकारी विभाग की बड़ी चूक'

जहरीली शराब की इस वीभत्स घटना के बाद योगी सरकार में आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में माना कि जहरीली शराब मामले में आबकारी विभाग से बड़ी चूक हुई है और यह चूक का ही नतीजा है कि इतनी मौतें हुई हैं. मंत्री ने यह भी माना कि कहीं ना कहीं पुलिस की मिलीभगत या फिर लापरवाही भी इसके लिए जिम्मेदार है.

जहरीली शराब के कारण दोनों राज्यों में मिलाकर अब तक 109 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें उत्तर प्रदेश में 77 और उत्तराखंड में 32 लोगों की मौत हुई है. उत्तराखंड के रुड़की में अब तक 32 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि यूपी में सहारनपुर में 69 (सहारनपुर में 46 और मेरठ में 23) और कुशीनगर में 8 लोगों की मौत की खबर है. दोनों राज्यों में मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि रुड़की में अभी भी कई लोगों की तबीयत बहुत गंभीर बनी हुई है.

दूसरी ओर, राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने प्रदेश में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में हुई मौतों पर दुख व्यक्त करते हुए इसके लिए प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही लखनऊ, उन्नाव, कानपुर और कई अन्य जिलों में कार्रवाई की होती तो आज सहारनपुर और कुशीनगर में इस घटना की पुनरावृत्ति नहीं हुई होती.

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उन्होंने जहरीली शराब से मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और बीमारों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग भी की. साथ ही उन्होंने शराब माफियाओं के खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्रवाई करने की मांग भी की.

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