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जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 31 हुई

जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा पड़ोसी जिले उन्नाव में जहरीली शराब से हुई मौतों की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए जबकि इस त्रासदी में मंगलवार 17 और लोगों की मौत के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 31 हो गई. जहरीली शराब पीने से बीमार 100 से ज्यादा लोगों का लखनऊ तथा उन्नाव के विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है.

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जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा पड़ोसी जिले उन्नाव में जहरीली शराब से हुई मौतों की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए जबकि इस त्रासदी में मंगलवार 17 और लोगों की मौत के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 31 हो गई. जहरीली शराब पीने से बीमार 100 से ज्यादा लोगों का लखनऊ तथा उन्नाव के विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है.

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सरकार ने इस प्रकरण में लापरवाही बरतने के आरोप में लखनऊ के उप आबकारी आयुक्त रविशंकर पाठक, सहायक आबकारी आयुक्त अतुल कुमार श्रीवास्तव तथा लखनऊ के जिला आबकारी अधिकारी लाल बहादुर यादव को निलम्बित कर दिया. पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) ए. सतीश गणेश ने संवाददाताओं को बताया कि लखनऊ तथा उन्नाव के विभिन्न गांवों में जहरीली शराब पीने से अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 25 की मौत लखनऊ तथा छह की मौत उन्नाव के विभिन्न अस्पतालों में हुई है. इस बीच, जिलाधिकारी राज शेखर ने बताया कि इस त्रासद घटना की गम्भीरता को देखते हुए इसकी मजिस्ट्रेट जांच कराने के आदेश दिए गए हैं.

गणेश ने बताया कि इस मामले में लखनऊ के मलिहाबाद तथा उन्नाव के हसनगंज और औरस थानों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं. सभी में कमोबेश वे ही व्यक्ति अभियुक्त बनाये गये हैं जो कल मलिहाबाद में दर्ज मुकदमे में आरोपी थे. सोमवार को इस मामले में जुगनू, उसकी पत्नी पुष्पा, कतरू, भूरे उर्फ फूलचंद तथा कल्लू नामक व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. गणेश ने बताया कि जहरीली शराब बनाने के आरोपी जगनू तथा गटरू को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है और उनसे मिली सूचनाओं के आधार पर छह टीमें गठित करके दबिश की कार्रवाई की जा रही है.

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मलिहाबाद में मारे गये छापे में 70 पाउच कच्ची शराब बरामद की गई है. इसके अलावा बरामद सामग्री को भी फोरेंसिक जांच के लिये भेजा गया है. पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) ए. सतीश गणेश ने बताया कि गृह विभाग के प्रमुख सचिव देवाशीष पण्डा तथा पुलिस महानिदेशक अतुल कुमार गुप्ता ने सोमवार देर रात बैठक करके प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को छह बिंदुओं पर आधारित निर्देश भेजे हैं. उन्होंने बताया कि उनमें मुख्य रूप से पूर्व में जहरीली शराब से मौतों की घटनाओं में शामिल लोगों पर नजर रखकर जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. इसके अलावा पूर्व की ऐसी घटनाओं में आरोपियों के मुकदमों का जिला जज से सहयोग लेकर जल्द निपटारा कराने तथा जहरीली शराब बनाने में संलिप्त लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने को कहा गया है.

उधर, लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी एसएनएस. यादव ने बताया कि शराब पीने से बीमार 45 लोग केजीएमयू, 38 बलरामपुर अस्पताल, 24 लोहिया अस्पताल तथा 28 सिविल अस्पताल में भर्ती हैं. राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती आठ लोगों की हालत नाजुक है, लिहाजा मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है. इस मामले में अब तक आबकारी और पुलिस विभाग के 20 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मुअत्तल किया जा चुका है.

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इनपुट: भाषा से.

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