यूपी सरकार के कद्दावर मंत्री आजम खान की भैंसें चोरी होना और फिर छत्तीस घंटो में बरामद होने की खबरें मीडिया में चलने के बाद आजम खान ने चुटकी लेते हुये कहा कि उनकी भैंसों का नसीब उनसे भी ज्यादा बुलंद है और ईश्वर करें कि उनका नसीब उनकी भैसें की तरह हो जाए.
साथ ही आजम खान का ये भी कहना था कि उन्होंने जब टीवी देखा तो पाया कि वो सबसे पीछे हैं और उनकी भैंसों और गोबर की खबरें उनसे ज्यादा छाई हुई हैं.
आजम खान ने कहा, 'आप मेरी भैंसों का नसीब तो देखिये. या अल्लाह मैं अपने नसीब पर रोता हूं. काश मेरा नसीब भी मेरी भैंसों के जैसा होता. आज तो एक साहब ने मेरी भैंस का गोबर सर पर उठा रखा है कार्टून में. जरा गौर तो कीजिए मेरी भैंसों का नसीब. कितनी इज्जत अफजाई है जब भी टीवी खोलते हैं मैं पीछे, मेरी भैंस आगे मेरी भैसें पीछे उनका गोबर सर पर. मेरी दुआ है कि मेरी भैंसों का गोबर उन सब के सरो पर जाये जो अभी तक नहीं उठा पाये हैं. लेकिन हर बात के लिये सलीके की जरूरत है. जहां सलीका कम होता है वहीं दहरीर चौक होता है.'
कौन कहता है कि यूपी पुलिस काम नहीं करती
आखिरकार यूपी पुलिस ने साबित कर दिया कि अगर सिर पर पड़े तो वह भी काम कर सकती है. सूबे के कद्दावर मंत्री आजम खान की भैंसें क्या चोरी हुई रामपुर से लेकर लखनऊ तक पुलिस अधिकारियों की नींद उड़ गई. सैकड़ों पुलिस वाले कड़ाके की ठंड में रातभर जंगलों की खाक छानते रहे. जैसे तैसे भैंसें बरामद हुईं तो अफसरों ने चैन की सांस ली.भैंस मिलने के बाद पुलिस अधिकारियों ने एक कदम आगे बढ़कर रामपुर की एकता पुलिस चौकी के तीन पुलिस कर्मियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया.
'मोदी की रैली में शामिल होने गई थीं आजम खान की भैंसें'
यूपी में जो हुआ वो सोशल साइट ट्विटर पर मजाक बन गया. लोग तरह-तरह के कमेंट लिखकर पूरे प्रकरण का माखौल उड़ा रहे हैं. एक शख्स ने लिखा कि आजम की भैंसें चोरी नहीं हुई बल्कि मेरठ में 2 फरवरी को हुए मोदी की रैली में शामिल होने गई थीं. वहीं एक अन्य शख्स ने लिखा कि दरअसल भैंसें AAP ज्वाइन करने गईं हैं ताकि लोकसभा चुनाव लड़ सकें.