लखनऊ के चीटिंग चिप कांड में पुलिस ने 23 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. इसमें पेट्रोल पंप के चार मालिक, 9 मैनेजर, 9 कर्मचारी और एक बिजली मिस्त्री शामिल हैं. आज तक की संवाददाता मौसमी सिंह ने सीतापुर रोड स्थित मान पेट्रोल पंप के आरोपी मालिक और मैनेजर से मामले को लेकर बातचीत की, तो हकीकत और खुलकर सामने आ गई. इनकी बात से साफ हो गया कि उपभोक्ताओं को चूना लगाने का गोरख धंधा लंबे समय से चल रहा था.
इस मसले पर मान पेट्रोल पंप के मालिक आनंद राय का कहना है कि उनको इस राकेट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. राय ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि इस राकेट को पेट्रोल पंप के कर्मचारी और जमीन के मालिक ने अंजाम दिया. वह बार-बार यही दोहरा रहे कि वह इस पूरे मामले से अनजान हैं.
वहीं, पेट्रोल पंप के मैनेजर हसीब अहमद का कहना है कि यह पूरा कांड मालिक की निगरानी में हुआ और उनका (हसीब) इससे कोई लेना-देना नहीं है. मालिक और कर्मचारी मिलकर इस पूरे कांड को अंजाम दे रहे थे. हसीब का आरोप है कि 2013 में उनके नौकरी शुरू करने से पहले से ही इन मशीनों में चिप लगी हैं. लिहाजा उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं है. उनको इस मामले में फंसाया जा रहा है.
चिप के जरिए चीटिंग की कमाई रखता था मालिक
हसीब ने बताया कि 3 से 5 फीसदी तेल चिप के जरिए कम कर दिया जाता था, जिसका पैसा और तेल दोनों ही मालिक खुद रखते थे. दोनों की बातचीत से यह साफ है कि यह
राकेट काफी लंबे समय से चल रहा था. इतना ही नहीं, एक पेट्रोल पंप पर मौजूद मशीनों में से अधिकतर मशीनों में चिप लगे थे. कस्टमर के सवाल खड़े करने पर रिमोट से चिप
को बंद कर दिया जाता था और फिर दोबारा मापने पर तेल पूरा आता था. यही वजह है कि कस्टमर के शक करने पर भी कोई बखेड़ा नहीं खड़ा होता था.