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मुलायम के बाद शिवपाल का छलका दर्द, कहा- सपा में डेढ़ साल से कर रहा जिम्मेदारी मिलने का इंतजार

बताया जा रहा है कि शिवपाल यादव और उनके समर्थकों की गतिविधियां अचानक तेज हो गई हैं. प्रदेश भर में शिवपाल यादव के नाम से कई संगठन बन चुके हैं, जो अपनी अलग गतिविधि चला रहे हैं. जिन्हें परोक्ष तौर पर शिवपाल यादव का वरदहस्त भी प्राप्त है.

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शिवपाल यादव
शिवपाल यादव

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पिछले लंबे समय से समाजवादी पार्टी में चल रही उठापटक के बीच अलग-थलग पड़े शिवपाल यादव ने कहा है कि उन्हें पार्टी में जिम्मेदारी वाला पद पाने का इंतजार करते हुए करीब डेढ़ वर्ष हो चुके हैं. वह अभी कोई पद पाने का इंतजार कर रहे हैं.

दरअसल, सपा की कमान पूरी तरह अखिलेश यादव के हाथों में आने के बाद से ही शिवपाल अब खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. अखिलेश यादव के साथ सार्वजनिक समारोहों में एक-दो बार वह दिखे जरूर मगर दोनों में थोड़ी दूरी भी नजर आई. अब खुद शिवपाल ने भी मान लिया है कि सपा में उनके लिए कोई बड़ा स्थान नहीं रह गया है. उन्होंने बागी तेवर अपनाते हुए ऐलान कर दिया है कि समाजवादी पार्टी में अब महत्वपूर्ण पद न मिलने पर वह दूसरा रास्ता अख्तियार कर लेंगे. इसे नई पार्टी के गठन की संभावना से जोड़कर देखा जा रहा है.

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शिवपाल सिंह यादव ने भले ही अब यह घोषणा की है लेकिन, माना जा रहा है कि अखिलेश यादव की बेरुखी और बीते उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ बहुजन समाज पार्टी की बढ़ती नजदीकियों के बाद से ही उन्होंने अपने लिए अलग रास्ता तलाशना शुरू कर दिया था.

वहीं शिवपाल यादव और उनके समर्थकों की गतिविधियां अचानक तेज हो गई हैं. प्रदेश भर में शिवपाल यादव के नाम से कई संगठन बन चुके हैं, जो अपनी अलग गतिविधि चला रहे हैं. जिन्हें परोक्ष तौर पर शिवपाल यादव का वरदहस्त भी प्राप्त है.

शिवपाल यादव के करीबी और सपा के पूर्व नेता और राज्यसभा सांसद अमर सिंह भी इन दिनों बीजेपी के कार्यक्रमों में दिख रहे हैं. इतना ही नहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ भी उनकी नजदीकियां बढ़ती दिख रही है. ऐसे में शिवपाल यादव को लेकर कयास तेज हो गए हैं कि वह अलग पार्टी बना सकते हैं. या फिर क्या महागठबंधन होने की स्थिति में तीसरे मोर्चे के तौर पर यूपी में सामने आएंगे.

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही मुलायम सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा था कि आज उनका सम्मान नहीं किया जा रहा. मुलायम ने यहां तक कह दिया कि हो सकता है कि उनके मरने के बाद उनका सम्मान किया जाए.

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