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"गरीब न होता तो, मेरे बच्चे की जान बच जाती...", नवजात की मौत पर CMS ने दिए जांच के आदेश

बांदा में मेडिकल स्टाफ की लापरवाही से नवजात की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि मेडिकल स्टाफ ने पैसों की डिमांड की थी. मामले में जिला महिला अस्पताल की CMS डॉक्टर सुनीता सिंह ने बताया कि नवजात की मौत का मामला पता चला है. मामले की जांच करा रही हूं, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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स्टाफ की लापरवाही से नवजात की मौत
स्टाफ की लापरवाही से नवजात की मौत

यूपी के बांदा में मेडिकल स्टाफ की लापरवाही से एक नवजात की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि मेडिकल स्टाफ ने पैसों की डिमांड की थी. वह पूरी नहीं करने पर बच्चे की हालत गंभीर बताकर रेफर का पर्चा थमा दिया गया. बच्चे के परिजन इलाज के लिए गिड़गिड़ाते रहे. मगर, इलाज में देरी की वजह से नवजात की मौत हो गई.

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फिलहाल पूरे मामले को संज्ञान में लेकर CMS ने जांच के आदेश दिए हैं. मामला जिला महिला अस्पताल का है. नरैनी थाना के करतल इलाके के रहने वाले पीड़ित बृजेश कुमार ने बताया, "सोमवार को CHC नरैनी में मेरी पत्नी को नॉर्मल डिलीवरी हुई थी. बच्चे को हिचकी आ रही थी, इस वजह से वहां से ANM (मेडिकल स्टाफ) ने जिला अस्पताल भेजा था. कहा था कि वहां अच्छे डॉक्टर और मशीनें हैं, दिखा लाओ." 

खुशी की बात है, खर्चा-पानी दो 

जिला महिला अस्पताल आने के बाद डॉक्टरों ने चेकअप किया. डॉक्टरों ने कहा ठीक हो जाएगा. परेशानी की कोई बात नही है. इतने में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ने कहा कि लड़का हुआ है. खुशी की बात है. हम पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन कुछ खर्चा पानी करो और 1,500 रुपए की डिमांड की. मैंने कहा, "साहब मैं गरीब आदमी हूं. मैं आपकी सेवा नहीं कर सकता." 

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इस पर डॉक्टर ने कहा, "गरीब हम लोग हैं. दीवाली के त्योहार में घर नहीं गए. यहां अस्पताल में बैठे हैं." पीड़ित ने आगे बताया कि इतने में हमको बाहर भगा दिया और कहा दोबारा बुलाएंगे तब आना. डॉक्टर ने 15 मिनट बाद बुलाया और कहा कि तुम्हारा बच्चा बहुत गंभीर है. प्रयागराज मेडिकल के लिए रेफर कर रहे हैं. वहां इलाज किया जाएगा. 

इलाज के लिए गिड़गिड़ाता रहा
पीड़ित ने आगे बताया, "मैंने कहा कि बच्चे को लेकर रात 12 बजे कहां जाएंगे?" इतने में डॉक्टर ने बोला कि तुम बहुत नेता बन रहे हो. अभी पुलिस को बुला रही हूं और बाहर भगा दिया. मैं बच्चे के इलाज के लिए गिड़गिड़ाता रहा. इसी दौरान बच्चे की मौत हो गई. मेडिकल स्टाफ ने लापरवाही की है." पीड़ित ने कहा कि अगर मैं पैसे दे देता और मैं गरीब न होता, तो मेरे बच्चे की जान बच सकती थी. 

मामले में जिला महिला अस्पताल के CMS डॉक्टर सुनीता सिंह ने बताया, "नवजात की मौत का मामला संज्ञान में आया है. मैं खुद देर रात अस्पताल गई थी, लेकिन जांच में मुझे कुछ ऐसा नही लगा. मैं फिर भी जांच करा रही हूं. जो भी दोषी होगा, डॉक्टर या स्टाफ उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."
 
पैसे मांगने के आरोप पर कहा, "पैसे मांगने की कोई बात नहीं है. उन्हें हायर सेंटर ले जाने की बात कही गई थी, लेकिन उन्होंने कहा था कि हम यही इलाज कराएंगे. डॉक्टर ने पूरा प्रयास किया, लेकिन बच्चे की मौत हो गई. मौत के बाद उन्होंने जो आरोप लगाया है, उसकी जांच की जा रही है." 

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