कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार देर शाम को कहा कि वे चाहते हैं कि उनकी बहन प्रियंका गांधी राजनीति में आएं. उन्होंने कहा कि राजनीति में शामिल होने का फैसला उनका खुद का होगा.
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा कि मैं सबसे ज्यादा अपनी बहन पर भरोसा करता हूं. मैं चाहता हूं कि वह राजनीति में सक्रिय हों. लेकिन यह फैसला उनको करना है कि कब, कैसे और क्या वह आना चाहती है.
पीएम मोदी को आरएसएस ने झूठ बोलना सिखाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए राहुल ने उन्हें किसानों के प्रति असंवेदनशील बताया. उन्होंने कहा कि पीएम को आरएसएस ने झूठ बोलने में माहिर बनाया है. वे ‘सेल्फी लेने और झूठे वादे करने की मशीन' हैं. यूपी चुनावों के सांप्रदायिक रंग लेने का अनुमान लगाते हुए राहुल ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस केवल हिंसा और नफरत फैलाने के ही काबिल हैं.
माया और मुलायम को कोई भाव नहीं देगा
बीएसपी के साथ गठबंधन से इनकार करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि यूपी में कांग्रेस के सरकार बनाती दिख रही है. उन्होंने कहा कि मायावती और मुलायम
सिंह यादव दोनों को ही जल्दी ही कोई भाव नहीं देगा. उन्होंने कहा, 'बांटने वाली राजनीति के चलते यूपी में काफी समस्याएं हैं. सत्ता का अत्यधिक केंद्रीकरण जहां एक
या चार लोग पूरे राज्य पर राज करें, यह नहीं चल सकता. मेरा मानना है कि कांग्रेस के पास यूपी को बदलने की ताकत है. अगर हम लोगों को यह भरोसा दिला सकें कि
हम यह कर सकते हैं तो यूपी को इस कीचड़ से बाहर निकाला जा सकता है.'
प्रशांत सिर्फ प्रचार अभियान चलाते हैं
यूपी में कांग्रेस के प्रचार में प्रशांत किशोर की भूमिका पर राहुल ने कहा, 'पार्टी की रणनीति कांग्रेस नेताओं ने तैयार की है. प्रशांत अभियान पर ध्यान देते हैं, इनपुट
देते हैं. कांग्रेस के पास टिकट बांटने का अच्छी तरह से स्थापित तंत्र है. इसी सिस्टम को काम में लिया जाएगा.' प्रचार के दौरान राहुल खेती की समस्याओं और केंद्र
सरकार की नाकामियों को उठा रहे हैं.
अमीरों की तरह ही माफ हो किसानों का भी कर्ज
उन्होंने कहा, 'अगर बीजेपी यह कहती है कि कर्ज माफी का हमारा आइडिया बुरा है तो फिर उद्योगपतियों के 1.10 लाख करोड़ रुपये के लोन को माफ कर देना भी गलत है. हमारा लक्ष्य है पीएम मोदी पर यह स्वीकार करने का दबाव बनाना कि अगर वह अमीरों की मदद करेंगे तो उन्हें गरीबों की मदद भी करनी होगी. उनके साथ भी समान व्यवहार होना चाहिए.'