कानपुर पुलिस ने एक असलहा फैक्टरी का पर्दाफाश किया है. इसमें बन रहे असलहे कभी भी सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ सकते थे.
पुलिस ने इस फैक्टरी में अवैध तमंचा बनाने वाले 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने 10 बने तमंचों के साथ दर्जनों अधबने तमंचों का सामान बरामद किया है.
पुलिस का आरोप है कि तमंचा फैक्टरी के असलहे सांप्रदायिक दंगों, पुलिस पर फायरिंग करने वालों के साथ-साथ उन लोगों को दिए जाने थे, जो लूट व हत्या करते हैं. कानपुर एसएसपी यशस्वी यादव ने यह भी दावा किया कि असलहे पूरे प्रदेश में सप्लाई किए जाने थे.
पुलिस ने इस गैंग के दो लोगों- नीलू और अजय को गिरफ्तार किया है, जबकि गैंग के बाकी लोग फरार हो गये. असलहा फैक्ट्री बाबूपुरवा इलाके में चलाई जा रही थी.
कानपुर में पुलिस द्वारा पकड़ी गई इस फैक्टरी से यह तो साबित हो ही जाता है कि यहां बड़े पैमाने पर अवैध हथियारों का कारोबार हो रहा है. जब कानपुर एसएसपी यशस्वी यादव से पूछा गया कि क्या पकड़े गए लोग सम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने की तैयारी में थे, तो उन्होंने एकदम भड़ककर कहा, 'मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा. आप सवाल तोड़-मरोड़कर पूछते हैं. आप खतरों से खेल रहे हैं.'
एसएसपी के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि आखिर जब अपराधी इन हथियारों का दंगों में ही इस्तेमाल करते हैं, पुलिस पर फायरिंग करते हैं, तो ये सांप्रदायिक दंगों की तैयारी नहीं, तो और क्या है?