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UP: अमेठी में ढहाया गया अवैध मदरसा, चारागाह की जमीन पर बना था

साल 2009 से चारागाह की जमीन पर संचालित मदरसे को ढहा दिया गया है. मदरसा ढहाने से पहले संचालक को नोटिस भेजा गया था. नेशनल हाइवे 6 पर बने इस मदरसे में 125 बच्चे दीनी तालीम लेते थे. सोमवार तड़के मौके पर पहुंच कर अधिकारियों और पुलिसबल की मौजूदगी में मदरसे को ढहाया गया है.

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अमेठी में ढहाया गया अवैध मदरसा
अमेठी में ढहाया गया अवैध मदरसा

यूपी में अवैध मदरसों को गिराए जाने की कार्यवाही जारी है. इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में चारागाह की बेशकीमती जमीन पर बनाये गए अवैध मदरसे को सोमवार को गिरा दिया गया है. इस दौरान आला अधिकारियों के साथ पांच थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही.

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मदरसा गिराए जाने का मामला अमेठी के गौरीगंज कोतवाली क्षेत्र के टांडा बांदा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गुजर टोला गांव का है. गांव के ही हसन पुत्र सुल्तान द्वारा हाईवे के किनारे .160 स्क्वायर फीट में चारागाह की बेशकीमती जमीन पर अवैध मदरसा बनाकर संचालित किया जा रहा था.

साल 2009 से संचालित था मदरसा

लेखपाल की रिपोर्ट के बाद तहसील प्रसाशन ने मदरसा मालिक को नोटिस भी जारी किया. फिर सोमवार सुबह करीब पांच बजे एसडीएम, सीओ और पांच थानों की पुलिस फोर्स की मौजूदगी में जेसीबी की मदद से मदरसे को जमींदोज कर दिया गया. इसके अलावा प्रशासन ने मदरसा मालिक हसन पुत्र सुल्तान पर 2 लाख 24 हजार का जुर्माना भी लगाया है. मदरसा जिस गांव में बना हुआ था यह मुस्लिम बाहुल्य इलाका है.

मदरसा गिराए जाने पर अमेठी डीएम राकेश मिश्रा ने कहा है कि न्यायालय के आदेश पर ये कार्यवाही की गई है. हाइवे किनारे बेशकीमती जमीन थी जिस पर मदरसा बना हुआ था. वहीं, पुलिस अधीक्षक इला मारण ने कहा कि मौके पर लॉ एन्ड आर्डर की कोई स्थिति नहीं थी. एतिहातन बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात  किया गया था. 

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पढ़ते थे 10 गांव के बच्चे

मदरसा संचाल के पुत्र पुत्र शकील अहमद का कहना है कि यहां 8-10 गांवों के बच्चे पढ़ने आते थे. मदरसे में धार्मिक शिक्षा के साथ इंग्लिश और हिंदी भी पढ़ाई जाती थी. लेकिन आज प्रशासन ने मदरसा खाली कराकर ढहा दिया है.

2009 से संचालित था मदरसा

चारागाह की बेशकीमती जमीन पर बना मदरसा साल 2009 से संचालित हो रहा था. मदरसे में करीब 125 बच्चे दीनी तालीम ले रहे थे. इस मदरसे का साल 2018 से गौरीगंज तहसीलदार कोर्ट में मुकदमा चल रहा था. बताया जा रहा है कि विवाद के चलते पिछले दो सालों से मदरसा संचालित नहीं किया जा रहा था.

 

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