उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कोर्ट के निर्देशों का सम्मान करते हुए हड़ताल वापस लेने और काम पर वापस लौटने का ऐलान किया है. गौरतलब है कि बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए यूपी के डॉक्टरों को हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया था.
कोर्ट ने जांच आयोग से तीन हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूरे मामले की जांच न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) वी के माथुर को सौंपी है. अदालत ने हड़ताली डॉक्टरों की तरफ से कानपुर के एसएसपी यशस्वी यादव के तबादले की मांग का भी संज्ञान लिया. न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय की बेंच ने यह आदेश सूबे में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को होने वाली परेशानी और 40 मौतों के बारे में अखबारों में छपी खबरों का स्वत: संज्ञान लेकर उसे जनहित याचिका के रूप में मानते हुए दिया.
गौरतलब है कि 1 मार्च को कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों से सपा विधायक इरफान सोलंकी का विवाद होने के बाद हुई पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी थी. ये हड़ताल पांचवें दिन यानी 5 मार्च को भी जारी रही. हड़ताल में सूबे के सभी प्रमुख मेडिकल कालेजों के जूनियर डॉक्टर शामिल हो गए थे.
समाचार पत्रों में छपी खबरों के अनुसार, इस हड़ताल के दौरान प्रदेश में करीब 40 मरीजों को जान गंवानी पड़ी. मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा.
इसके अलावा बुधवार को ये हड़ताल देशव्यापी होने जा रही थी. देशभर के डॉक्टर इस हड़ताल में शामिल होने जा रहे थे. और खबर थी कि सरकारी अस्पतालों में गुरुवार को ओपीडी सेवा नहीं मिलेगी.