यूपी में भले ही राजनैतिक रूप से केशव प्रसाद मौर्य मजबूत न हों, लेकिन बीजेपी आलाकमान ने इन्हें यूपी का प्रभारी बनाकर जातिगत कार्ड चल दिया है. आइए जानते हैं वो वजहें, जिसके चलते पीएम मोदी के वजीर अमित शाह ने सौंपी इन्हें यूपी की बीजेपी की कमान...
1. यूपी में कोइरी और कुर्मी समुदाय (ओबीसी) के वोटों को काफी हद तक बीजेपी साध सकती है.
2. मौर्य कुशवाहा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जिसकी करीब 8 फीसदी यूपी में मौजूदगी है.
3. बसपा सुप्रीमो मायावती की काट के लिए बीजेपी ने इन्हें उठाया. हालांकि यूपी की राजनीति में मायावती और मुलायम सिंह का अपना एक अलग वजूद है.
4. जिस तरह बिहार में नीतीश कुमार ने मुस्लिम-यादव समीकरणों को ध्वस्त कर सत्ता पाई थी, ठीक उसी तरह की चाल मौर्य को बीजेपी अध्यक्ष बना अमित शाह ने चली है.
5. इनके सहारे बीजेपी कुर्मी, कोइरी, कुशवाहा और बनिया समुदाय के कुछ तबकों को अपने पाले में करने की सोच रही है.