अगस्त महीने में मुजफ्फरनगर में भड़के दंगों में एक नया मोड़ आया है. इन दंगों की वजह लड़की के साथ छेड़खानी बताई गई थी, जबकि इस मामले में हुए एफआईआर में मामला कुछ और बताया जा रहा है.
इस मामले में दर्ज हुई एफआईआर के मुताबिक कवाल गांव में साइकिल और बाइक में भिड़ंत के बाद मामला बढ़ा था, जिसने बाद में दंगे का रूप ले लिया.
दोनों पक्षों द्वारा यह एफआईआर 27 अगस्त 2013 को ही लिखाई गई थी, जिसमें लड़की के साथ छेड़छाड़ का कहीं जिक्र नहीं है. इस एफआईआर में दोनों पक्षों में कहासुनी की बात कही गई है.
बीजेपी विधायक संगीत सोम को बेल
उधर मुजफ्फरनगर हिंसा भड़काने मामले में ही जेल में बंद बीजेपी विधायक संगीत सोम को मिली जमानत मिल गई है. उन्हें देवबंद की
एक अदालत ने जमानत पर रिहा किया है, हालांकि संगीत सोम ने खुद को बेगुनाह बताते हुए अखिलेश सरकार पर साजिश के तहत
फंसाने का आरोप लगाया है.
देवबंद अदालत द्वारा जमानत दिये जाने के बाद सोम सोमवार की शाम मुजफ्फरनगर जिला जेल से रिहा हुए. बीजेपी विधायक मुजफ्फरनगर दंगों के संबंध में उनके खिलाफ दर्ज दो अन्य मामलों में भी जमानत पर रिहा चल रहे हैं.
मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए फर्जी वीडियो अपलोड करने के आरोपी संगीत सोम को 21 सितंबर को मेरठ से गिरफ्तार किया गया था. उन पर भड़काऊ भाषण देने का भी आरोप है.
बीजेपी के एक अन्य विधायक सुरेश राणा की जमानत याचिका पर एक सत्र अदालत में 13 नवंबर को सुनवाई होगी.