लखनऊ में बुधवार की रात पांच घंटे मे पांच ट्रेनों मे डकैती की वारदात सामने आई है. पहले तो रेलवे पुलिस इस घटना को छुपाने मे लगी रही मगर जब इसकी खबर जी.आर.पी हेडर्क्वाटर पंहुची तो आला अधिकारियों ने वहां तैनात जीआरपी के इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया. पांच ट्रेनों मे आलमनगर से लखनऊ के बीच कुछ अज्ञात लुटेरों ने महिलाओं के साथ छेड़खानी की और जमकर लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया.
ये ट्रेने हैं- नौचंदी एक्सप्रेक्स, सप्तक्रान्ति एक्सप्रेक्स, अकालतख्त एक्सप्रेक्स, राप्ती-गंगा और पद्मावत एक्सप्रेस . इस मामले के खुलासे के लिए जीआरपी के पांच टीमों को लगा दिया गया है मगर 48 घंटे गुजर जाने के बाद भी जीआरपी को लुटेरों की हवा तक नहीं लगी है. ये सारी लूट की वारदात आलमनगर और मवैंया के आउटर सिगनल पर हुई जहां ये ट्रेनें या तो इतनी धीमी हो जाती हैं कि कोई उसमे आराम से चढ़ सकता है या फिर दस-पंद्रह मिनटों के लिए रूक जाती हैं .
लूट कि इन घटनाओं मे स्थानीय रेल पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान लग रहें है क्योकिं स्थानीय यात्रियों का कहना है कि लूट और छिनैती की घटनाओं की शिकायत करने पर जीआरपी पहले तो देर से आती है और आने पर भी कोई कारवाई नहीं करती. इसके साथ ही जिस जगह पर लूट को अजांम दिया गया वहां से कुछ दूरी पर पर केंद् सरकार की रेलवे सुरक्षा बल के कार्यालय पर भी ताला लटका नजर आया.