आयकर विभाग ने उत्तर भारत के प्रमुख पशु चारा उत्पादक कंपनी के मामले में आज कानपुर, गोरखपुर, नोएडा समेत 16 ठिकानों पर छापेमारी की है. छापेमारी दिल्ली और लुधियाना में भी की गई है. इस दौरान आयकर विभाग को बड़ी संख्या में आभूषण के साथ कैश मिला है. अभी छापेमारी जारी है.
पशु चारा उत्पादक कंपनी के खिलाफ आरोप है कि इसने दिल्ली की कुछ शेल कंपनियों से गैर-वास्तविक असुरक्षित ऋण के रूप में 100 करोड़ रुपये से अधिक की आवास प्रविष्टियां ली हैं. छापेमारी के दौरान पता चला कि जिन शेल कंपनियों से ऋण लिया गया था, वे केवल कागज पर मौजूद हैं और उनका कोई वास्तविक व्यवसाय और साख नहीं है.
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इन शेल कंपनियों के निदेशक डमी, गैर-फाइलर और बिना किसी साधन के व्यक्ति हैं. इन कंपनियों के निदेशकों में से एक को टैक्सी चालक के रूप में पाया गया है, जिसके 11 बैंक खाते हैं, जिसमें काफी पैसे जमा हैं. इससे साफ होती है कि इन शेल कंपनियों से असुरक्षित ऋण के रूप में 21 करोड़ रुपये से अधिक की आवास प्रविष्टियां फर्जी हैं.
छापेमारी के दौरान पशु चारा उत्पादक कंपनी के मुख्य व्यक्तियों के आवासों के निर्माण में बेहिसाब निवेश का खुलासा हुआ. अब तक 52 लाख रुपये के सोने और हीरे के आभूषण बरामद किए गए हैं. साथ ही 1.30 करोड़ मिले हैं, जिन्हें सत्यापित किया जा रहा है. कुल 7 लॉकर मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है.