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ग्रेटर नोएडा आने वालों पर रखी जा सकेगी नजर, बनेगा इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर

ग्रेटर नोएडा के सभी एंट्री प्वाइंट्स पर आने-जाने वालों पर नजर रखना अब और भी आसान होगा. साथ ही अगर आपकी कोई शिकायत है तो उसका और तीव्र गति से समाधान हो सकेगा, क्योंकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इन सब पर नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाने की तैयारी कर रहा है.

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इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आने-जाने वालों पर नजर रखना अब और भी आसान
  • इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाने की तैयारी

ग्रेटर नोएडा के सभी एंट्री प्वाइंट्स पर आने-जाने वालों पर नजर रखना अब और भी आसान होगा. साथ ही अगर आपकी कोई शिकायत है तो उसका और तीव्र गति से समाधान हो सकेगा, क्योंकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इन सब पर नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाने की तैयारी कर रहा है. यह कंट्रोल रूम प्राधिकरण के दफ्तर में ही बनेगा. इसका एस्टीमेट बन चुका है. करीब दो करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है. इसके बन जाने के बाद ग्रेटर नोएडा से जुड़ी तमाम सेवाएं इस कंट्रोल रूम से इंटीग्रेट (एकीकृत) हो जाएंगी.

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर प्राधिकरण दफ्तर तेजी से ई-ऑफिस की तरफ बढ़ रहा है. इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) के जरिए प्राधिकरण को पेपरलेस बनाया जा रहा है. सभी सेवाएं ऑनलाइन की जा रही हैं. स्ट्रीट लाइट हो या फिर सड़कों का पैच रिपेयर वर्क, सीवर लाइन हो या फिर जलापूर्ति, सभी सेवाओं की जीआईएस (जियोग्राफिकल इनफॉर्मेशन सिस्टम) मैपिंग की जा रही है. कहां पर ग्रीन बेल्ट हैं, कहां पर सार्वजनिक शौचालय है, यह सब जीआईएस मैपिंग का हिस्सा बनते जा रहे हैं, ताकि ग्रेटर नोएडा  प्राधिकरण के अधिकारी ऑनलाइन सिस्टम से इन पर पल-पल नजर रख सकें. 

सीईओ नरेंद्र भूषण ने इसे और आगे बढ़ाते हुए एक इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाने का निर्णय लिया है. यह सेंटर प्राधिकरण दफ्तर परिसर में ही बनेगा. कंट्रोल रूम में आठ वीडियो वॉल बनेगी, जहां पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से शहरवासियों को दी जा रही सभी सुविधाओं की अपडेट जानकारी कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी को प्राप्त होती रहेंगी. कहीं से कोई शिकायत आती है तो इस कंट्रोल रूम के द्वारा संबंधित विभाग को तत्काल पहुंचा दी जाएगी. 

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यही नहीं, ग्रेटर नोएडा के पांच प्रवेश द्वार हैं. पहला, नोएडा- ग्रेटर नोएडा से आने पर परी चौक, दूसरा प्रताप विहार (गाजियाबाद) से ग्रेनो वेस्ट में प्रवेश करने पर तिगड़ी गोलचक्कर के पास, तीसरा नोएडा से हिंडन पुल के रास्ते चार मूर्ति गोलचक्कर की तरफ आने पर, चौथा कासना प्रवेश द्वार और पांचवां सूरजपुर एंट्री प्वाइंट हैं. इन प्रवेश द्वारों पर 40 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे. ये सभी इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम से जुड़ जाएंगे. इनकी निगरानी भी इसी कंट्रोल रूम से हो सकेगी. इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का एस्टीमेट तैयार हो गया है. इसे बनाने में करीब दो करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसे बनाने का टेंडर शीघ्र जारी होने जा रहा है. काम शुरू होने के बाद इसे पूरा करने में तीन से चार माह लगेंगे. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने ग्रेनोवासियों की सहूलियत को देखते हुए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम को प्राथमिकता पर तैयार कराने के निर्देश दिए हैं. 

 

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