अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर का फायदा भारत के उत्तर प्रदेश को होने की संभावना है. ये दोनों ही देश एक-दूसरे के साथ व्यापार करने के स्थान पर भारत को तरजीह दे रहे हैं.
दरअसल, चीन और अमेरिका एक-दूसरे के सामान पर ज्यादा ड्यूटी लगवने के कारण दोनों एक-दूसरे के साथ व्यापार करने से कतरा रहे हैं और इसका सीधा फायदा भारत में उत्तर प्रदेश को मिल सकता है. इससे यूपी में नौकरियां के अवसर में बढ़ोतरी होने की संभावना है. नौकरियों की ये बढ़ोतरी अमेरिका और चीन में ट्रेड वॉर के कारण होगी.
पिछली समिट से मिले उत्साहजनक नतीजे
प्रदेश में अगले महीने इंनवेस्टर्स समिट का दूसरा फेज शुरू होने वाला है. पिछली समिट में प्रदेश को बेहद उत्साहजनक नतीजे मिले थे, देश-विदेश से करीब 40 हजार करोड़ रूपये का निवेश प्रदेश में हुआ था. लिहाजा सरकार ने इस बार और ज्यादा निवेश करने का लक्ष्य रखा है. इस निवेश से प्रदेश के नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा.
चीन की कई कंपनियों ने भेजे यूपी में प्रोजेक्ट्स लगाने के प्रस्ताव
इसी क्रम में चीन की कई कंपनियों ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और यमुना एक्सप्रस-वे पर प्रोजेक्टेस लगाने के प्रस्ताव भी भेजे हैं. यूपी में सबसे ज्यादा निवेश करने का प्रस्ताव जिस कम्पनी ने दिया है उनमें से एक वीवो ग्लोबल है, जिसका निवेश करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये का होगा.
इसमें ओप्पो मोबाइल्स दो हजार करोड़ रुपये, हॉयर अप्लायेंस 1017 करोड़ रुपये और होलिटेक टेक्नोलॉजी 1772 करोड़ रूपये निवेश करेंगी. अनुमान के मुताबिक, इस निवेश में चीन, ताइवान और कोरिया की कंपनियां करीब पंद्रह हजार करोड़ रुपये का निवेश करेंगी. इनके निवेश करने से उत्तर प्रदेश के करीब 4 लाख लोगों को सीधे नौकरियां मिलेंगी.