बाबरी विध्वंस केस में बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की कोर्ट ने बहुप्रतीक्षित फैसला सुना दिया. सीबीआई कोर्ट ने घटना को स्वतः स्फूर्त माना और कहा कि अभियोजन पक्ष, आरोपियों पर अभियोग साबित करने में नाकाम रहा. कोर्ट ने इस मामले में सभी 32 आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया. कोर्ट के फैसले पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आई है.
सीबीआई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राम जन्मभूमि मामले में मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि हम भारत के नागरिक हैं. देश के संविधान का, देश के कानून का सम्मान करते हैं. इकबाल अंसारी ने कहा कि हमने नवंबर में राम जन्मभूमि केस को लेकर आए फैसले का भी सम्मान किया था.
उन्होंने कहा कि यह विवाद अब समाप्त हो जाना चाहिए. इकबाल अंसारी ने कहा कि यह मामला 28 साल पुराना है. अधिकतर आरोपी बुजुर्ग हो गए हैं. उन्हें राहत मिलेगी. अंसारी ने कहा कि अब आगे देखने की जरूरत है. गौरतलब है कि बाबरी विध्वंस मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री भाजपा की फायरब्रांड नेत्री उमा भारती, पूर्व सांसद विनय कटियार समेत कई दिग्गज नेता आरोपी थे.
इस मामले में आचार्य धर्मेंद्र, महंत नृत्य गोपाल दास, साध्वी ऋतंभरा समेत कुल 32 लोग आरोपी थे. कोर्ट ने सभी को आरोपों से बरी कर दिया. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि अराजक तत्वों ने ढांचा गिराया. सभी आरोपी भीड़ को ऐसा करने से रोकने की कोशिश कर रहे थे.
कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे काला दिन बताया.