भले ही बीजेपी और बीएसपी में कोई सीधा रिश्ता न हो लेकिन लखनऊ के रमाबाई रैली स्थल पर 2 मार्च को होने वाली नरेंद्र मोदी की महारैली में भीड़ जुटाने के लिए पार्टी के रणनीतिकारों ने मायावती फॉर्मूले पर अमल किया है.
भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राजधानी लखनऊ के आसपास के जिलों पर डाली गई है. साथ ही भीड़ के दावों की सच्चाई जानने के भी इंतजाम किए गए हैं. भीड़ जुटाने के लिए सूबे को तीन हिस्सों में बांटा गया है. एक परिधि 100-150 किमी. की तय की गई है. दूसरी परिधि 250 किमी. की तय की गई है. इससे ज्यादा दूरी पर स्थित स्थानों को तीसरे हिस्से में रखा गया है. पहली परिधि में आने वाले जिलों से मोटरसाइकिल, कार व जीप तक से लोगों को लाने की योजना बनाई गई है. इसके लिए सेक्टर व जोनवार लोगों को जिम्मेदारी देने और उनसे रैली में आने वालों का ब्यौरा तैयार कराने का भी फैसला किया गया है.
लखनऊ शहर से लगभग 1.50 लाख व जिला से एक लाख लोगों को लाने को कहा गया है. कानपुर को भी एक लाख लोगों को लाने की जिम्मेदारी दी गई है. उन्नाव व बाराबंकी को 50-50 हजार, रायबरेली को 30 हजार तो सीतापुर, हरदोई से 40-50 हजार का लक्ष्य दिया गया है.
भीड़ जुटाने के फॉर्मूले के तहत टिकट के दावेदारों को भी लोगों को लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. लखनऊ के चारों ओर सीमाओं पर कैम्प बनाए जाएंगे. कैम्पों से वाहनों पर नजर रख भीड़ की सच्चाई परखी जाएगी.